Hindi, asked by kalamsinghsidar, 1 day ago

5 प्र.17 निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों का उत्तर दीजिए. सत्संगति का आश्रय पाकर ही रत्नाकर डाकू आदि कवि, महर्षि वाल्मीकि बन गया। यदि नारद और ब्रह्मा का संसर्ग उसे प्राप्त न होता तो वह महर्षि कैसे बन सकता था और रामायण जैसे महाकाव्य कैसे रच सकता था? इसी प्रकार अंगुलिमाल डाकू महात्मा बुद्ध के संपर्क में आकर भयंकर हत्यारे के भाव को छोड़कर बौद्ध-भिक्षु बन गया। और तो और कालिदास तो आरंभ में एक जड़मति गड़रिया ही तो था। यदि उसे बुद्धिमति, विदुषी का संपर्क न मिला होता और विद्वानों की संगति में न बैठा होता तो विश्व का महाकवि कैसे बन पाता? संगति के प्रताप से स्वाति की बूंदे सांप के उपर बरसे तो विष, सीपी पर पड़े तो मोती और गंगा नदी पर पड़े तो पूजनीय हो जाता है। अतः हमें हमेशा अच्छे लोगों की संगति करनी चाहिए। प्रश्न- क) 'रामायण' के रचनाकार कौन है ? ख) जड़मति कालिदास महाकवि कैसे बन गया? ग) बौद्ध भिक्षु कौन बन गया और क्यों ? घ) स्वामी की बूंदे जहर में क्यों बदल गई ? ङ) उचित शीर्षक लिखिए। प्र. 18 निम्न में से किसी एक विषय पर निबंध लिखिए - अ) जीवन में खेलों का महत्व ब) विज्ञान का चमत्कार स) योग का महत्व द) आनलाईन शिक्षा का महत्व 5​

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Answered by roshanirawatroshani9
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Explanation:

उo क) रामायण के रचनाकार महर्षि वाल्मीकी है।

उo ख) जड़मति कालिदास महाकवि अच्छि संगति के कारण बने।

उo ग) अंगुलिमाल डाकू महात्मा बुद्ध के संपर्क में आकर भयंकर हत्यारे के भाव को छोड़कर बौद्ध-भिक्षु बन गया और वह बौद्ध-भिक्षु संगति के कारण बना।

उo घ) संगति के प्रताप से स्वामी की बूंदे जहर में बदल गई क्योकि ।

उo ङ) संगति का असर या फिर जैसी संगति वैसी रंगती।

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