Hindi, asked by vinay4533, 1 year ago

5. प्रगतिवादी अथवा छायावादी काव्यधारा की दो विशेषताओं का सोदाहरण उल्लेख कीजिए।​

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Answered by bably66
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प्रगतिवाद छायावाद की विशेषताएँ प्रगतिवाद के प्रवर्तक प्रगतिवाद का अर्थ प्रगतिवादी युग की विशेषता प्रगतिवाद का अर्थ प्रगतिवाद की परिभाषा प्रगतिवाद के प्रवर्तक प्रगतिवाद का परिचय प्रगतिवाद की विशेषताएं प्रगतिवाद के प्रमुख कवि प्रगतिवाद की प्रमुख प्रवृत्तियाँजो विचारधारा राजनितिक क्षेत्र में समाजवाद और दर्शन में द्वान्द्त्मक भौतिकवाद है ,वही साहित्यिक क्षेत्र में प्रगतिवाद के नाम से अभिहित की जाती है . मार्क्सवादी या साम्यवादी दृष्टिकोण के अनुसार निर्मित काव्यधारा प्रगतिवाद है .१९३६ का वर्ष हिंदी साहित्य के इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण वर्ष है .इस समय छायावाद जहाँ एक ओर अपने पूर्ण उत्कर्ष पर दिखाई पड़ता है ,वहाँ साथ - साथ उसमें हासर भी दिखाई देता है .व्यक्तिवाद की जो व्यापक चेतना ,लोक संग्रह ,आशा और उल्लास का जो स्वर प्रसाद ,महादेवी ,निराला और पन्त में मिलता है ,नए कवियों में उसका प्राय: लोप सा हो गया है . उत्तर छायावाद युग में अनेक कवि प्रगतिवाद के जीवन आदर्श से प्रेरित हुए .इसमें प्रमुख हैं - नरेंद्र शर्मा ,शिवमंगल सिंह सुमन ,केदारनाथ अग्रवाल ,नागार्जुन ,रांगेय राघव.प्रगतिवाद के तरुण कवि हैं - शम्भुनाथ सिंह ,गिरिजाकुमार माथुर , भारतभूषण अग्रवाल ,गोपालदास नीरज ,रामविलास शर्मा .

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