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प्रश्न 2. अधोलिखित अपठित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इन पर आधारित
प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
वह तोड़ती पत्थर
देखा उसे मैंने इलाहाबाद के
पथ पर।
वह तोड़ती पत्थर
कोई न छायादार पेड़
वह जिसके तले बैठी हुई
स्वीकार
श्याम तन, भर बंधा यौवन
तन नयन प्रिय, कर्मरत् मन
गुरू हथौड़ा हाथ,
सामने तंरूमालिका
अट्टालिका प्राकार।
प्रश्न(1) वह तोड़ती पत्थर से कवि किसका वर्णन कर रहा है।
(2) उस स्त्री का रूप कैसा है?
(3) कोई न छायादार पेड़ से कवि का क्या मतलब है?
(4) उस स्त्री की कार्यशैली कैसी है?
(5) “सामने तरू मालिका अट्टालिका प्राकार" से क्या तात्पर्य है ?
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Answer:
1. वह तोड़ती पत्थर से कभी पत्थर तोड़ने वाले मजदूर का वर्णन कर रहे हैं...
2. श्याम की सम्मान उस स्त्री का रूप सावला था..
3. कवि का मतलब यह है कि उसकी मदद करने वाला कोई नहीं था..
4. पत्थर तोड़ने वाली औरत नित सवेरे अपने हथौड़े से कड़कती धूप में पत्थर तोड़ा करती थी..
5. कभी अमीरों की अट्टालिका तथा सुख सौभाग्य का वर्णन कर रहे हैं..
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Explanation:
वह तोड़ती पत्थर से कभी पत्थर तोड़ने वाले मजदूर का वर्णन कर रहे हैं...
2. श्याम की सम्मान उस स्त्री का रूप सावला था..
3. कवि का मतलब यह है कि उसकी मदद करने वाला कोई नहीं था..
4. पत्थर तोड़ने वाली औरत नित सवेरे अपने हथौड़े से कड़कती धूप में पत्थर तोड़ा करती थी..
5. कभी अमीरों की अट्टालिका तथा सुख सौभाग्य का वर्णन कर रहे हैं..
#SPJ2
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