Hindi, asked by aamitrajput37, 7 hours ago

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प्रश्न-6
नाटक-लेखन' में संवाद तत्व की कोई तीन विशेषताएँ लिखिए।
अथवा
कहानी-लेखन में चरित्र-चित्रण के महत्व के तीन बिन्दुओं (विशेषता
डालिए।
श्न-7
'महँगी होती उपचार व्यवस्था' विषय पर एक आलेख लिखिए।​

Answers

Answered by shishir303
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¿ नाटक-लेखन' में संवाद तत्व की कोई तीन विशेषताएँ लिखिए।

✎...  किसी में नाटक में संवाद तत्व उस नाटक का प्राण तत्व होता है।  नाटक लेखन में संवाद तत्व की तीन विशेषताएं इस प्रकार हैं...  

  • संवाद के माध्यम से लेखक अपनी बात कह सकने में अधिक सक्षम होता है। वह पात्रों द्वारा बोले जाने वाले संवाद के माध्यम से अपने विचारों को प्रकट करता है।  
  • संवाद नाटक को प्रवाहमय बनाते हैं और दर्शकों अथवा पाठकों की रुचि नाटक में बनी रहती है।  
  • संवाद के माध्यम से गंभीर, दार्शनिक एवं गूढ़ बातों को भी सरल भाषा में कह कर उसे आम दर्शक को या पाठकों को समझाया जा सकता है।

¿ कहानी-लेखन में चरित्र-चित्रण के महत्व के तीन बिन्दुओं (विशेषताओं) पर प्रकाश डालिए।

✎... कहानी लेख में चरित्र-चित्रण के महत्व के तीन बिंदु (विशेषता) इस प्रकार हैं...

  • कहानी में पात्रों का चरित्र चित्रण पात्रों की अभिरुचि को प्रदर्शित करता है।  
  • कहानी के पात्रों के चरित्र चित्रण के माध्यम से पूरी कहानी की विषय-वस्तु स्पष्ट होती है।  
  • पात्रों के चरित्र-चित्रण के द्वारा कहानी में वर्णित नैतिक-अनैतिक बातों को भी स्पष्ट किया जाता है।

¿  'महँगी होती उपचार व्यवस्था' विषय पर एक आलेख लिखिए।​

✎... महंगी होती उपचार व्यवस्था आज हमारे समाज की एक कड़वी सच्चाई है। आज मेडिकल क्षेत्र एक बड़ा व्यवसाय बन चुका है, जहाँ पर बड़े-बड़े अस्पताल केवल पैसा कमाने के उद्देश्य से खुल चुके हैं। आजकल के डॉक्टरों में सेवा भावना कम और धन भावना अधिक है। इसी कारण जल्दी अमीर बनने की ओर उन्हें अधिक धन कमाने के लिए प्रेरित करती है और वह इसका अपने इस उद्देश्य की पूर्ति महंगे उपचार प्रक्रिया द्वारा पूरी करते हैं।

आज किसी अच्छे अस्पताल में भर्ती होने पर चंद दिनों में लाखों रुपए का बिल बन जाना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। डॉक्टरों में संवेदना खत्म होने लगी है। मरीज के मर जाने पर भी वह मरीज के रिश्तेदार को नहीं बताते और एक-दो दिन तक शव रख कर अपना बिल बढ़ाते रहते हैं, ऐसा कई बार सुनने में आया है। डॉक्टर अनावश्यक टेस्ट लिखते हैं, जिसमें उनका लेबोरेटरी में पहले से कमीशन तय होता है। इसी कारण इन सब का बोझ आम जनता पर पड़ता है और उपचार व्यवस्था महंगी होती जा रही है।

आज अच्छा उपचार कराना आम आदमी और गरीब के वश की बात बिल्कुल भी नहीं रही है। मेडिकल व्यवसाय पूरी तरह मेडिकल माफिया के नियंत्रण में पहुंच गया है, जिनका उद्देश्य केवल धन कमाना है, इस कारण उपचार व्यवस्था महंगी होती जा रही है।

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Answered by barani79530
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