Hindi, asked by baliyana077, 5 days ago

(5) प्रश्न- २ निम्न काव्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर शीश पर मंगलकलश रख भूलकर जल के सभी दुख चाहते हो तो मना लो जन्मदिन भूखे वतन का जो उदासी है हदय पर यह ऊपर आती है समय पर पेट की रोटी जुटा रेशमी झंडा उड़ाओ ध्यान तो रखो मगर उस अधफटे नंगे बदन का तन कहीं पर मन कहीं पर धन कहीं निर्धन कहीं पर फूल की ऐसी विदाई फूल को आती रुलाई आंधियों के साथ जैसे हो रहा सौदा चमन का आग ठंडी हो गरम हो तोड़ देती है भमको कांति है आनी किसी दिन भादमी घड़ी आरहा गिन​

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Answered by shiboo930
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Answer:

शीश पर मंगल-कलश रख भूलकर जन के सभी दुख चाहते हो तो मना लो जन्म-दिन भूखे वतन का।

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