Hindi, asked by singhrks253, 3 months ago

5. पाठ हार की जीत के खड्गसिंह एवं बाबा भारती के चरित्र से मिलने वाली प्रेरणा के बारे में बताते
अपने मित्र या सहेली को पत्र लिखिए।​

Answers

Answered by asahoo180
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Explanation:

प्रश्न 1. ‘हार की जीत’ कहानी की कथावस्तु अपने र्ब्दोों में नलस्खए।

उत्तर: बाबा भारिी गााँव के बाहर एक मन्तिर में रहिे थे। उनके पास एक घोडा था, उसे वे बेहद चाहिे थे।

वे उसकी पूरी देखभाल करिे थे। उसका नाम सुलिान था। घोडा अत्यि सुिर था, उसकी चाल मोहक

थी। डाकू खड्गतसोंह ने उस घोडे की प्रतसन्ति सुनी थी। एक तदन वह बाबा भारिी के पास आया और उस

घोडे को देखकर खूब प्रर्ोंसा की। उसने उसकी चाल भी देखी और जािे समय कहा तक अब मैं यह घोडा

आपके पास न रहने दूोंगा।

डाकू खड्गतसोंह की बाि से बाबा भारिी डर गये। वे सावधानी से रखवाली करने लगे। बहुि तदनोों के बाद

वे सन्ध्या समय घूमने जा रहे थे। एक पेड के नीचे एक अपातहज तमला। उसने िीन मील आगे रामाोंवाला

िक छोडने का तनवेदन तकया। बाबा भारिी ने उसे घोडे पर तबठा तलया। परिु वह िो डाकू खड्गतसोंह था।

वह घोडे को दौडाकर ले जाने लगा।

िब बाबा भारिी ने कहा तक इस घटना को तकसी से मि कहना, अन्यथा कोई तकसी गरीब की सहायिा

नहीों करेगा। डाकू खड्गतसोंह पर बाबा भारिी की बाि का गहरा प्रभाव पडा। इस कारण कु छ तदनोों के

बाद वह उस घोडे को बाबा के अस्तबल में बााँधकर चला गया। सुबह घोडे के तहनतहनाने से बाबा को पिा

चला, िो घोडे से तलपटे और बोले तक अब कोई गरीब की सहायिा से मुाँह नहीों मोडेगा।

प्रश्न 2. खड्गनसोंह तथा बाबा भारती की कु नटया में जो सोंवाद हुआ उसका वणशन कीनजए।

उत्तर: एक तदन दोपहर को डाकू खड्गतसोंह बाबा भारिी के पास आया और नमस्कार कर बैठ गया। िब

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