Hindi, asked by bavishkardarshan789, 4 months ago

5. 'पायो जी मैंने राम रतन धन पायो' मीराबाई के इस पद का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए तथा तालिका में दिए गए तद्भव
शब्दों केतत्सम रूप लिखिए।
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Answers

Answered by TanviiBhardwaj18
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Answer:

अगर आपको यह पसंद आया हो तो ,कृप्या मुझे फॉलो जरूर किज़ीए गा और मेरे उत्तर को ध्न्यवाद और ब्रेनलिस्ट जरूर दिजीए गा |

Explanation:

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो !

वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु किरपा करि अपनायो। पायो जी मैंने…

जनम जनम की पूंजी पाई जग में सभी खोवायो। पायो जी मैंने…

खरचै न खूटै चोर न लूटै दिन दिन बढ़त सवायो। पायो जी मैंने…

सत की नाव खेवटिया सतगुरु भवसागर तर आयो। पायो जी मैंने…

मीरा के प्रभु गिरिधर नागर हरष हरष जस गायो। पायो जी मैंने…

व्याख्या : इस पद / दोहे में कृष्ण की दीवानी मीरा बाई कहती हैं कि मुझे राम रूपी बड़े धन की प्राप्ति हुई है। मेरे सद्गुरु ने मुझपर कृपा करके ऐसी अमूल्य वस्तु भेट की हैं, उसे मैंने पूरे मन से अपना लिया हैं। उसे पाकर मुझे लगा मुझे ऐसी वस्तु प्राप्त हो गईं हैं, जिसका जन्म-जन्मान्तर से इन्तजार था। अनेक जन्मो में मुझे जो कुछ मिलता रहा हैं बस उनमे से यही नाम मूल्यवान प्रतीत होता हैं। जब से यह नाम मुझे प्राप्त हुआ है मेरे लिए दुनियां की अन्य चीज़े खो गई हैं। इस नाम रूपी धन की यह विशेषता हैं कि यह खर्च करने पर कभी घटता नही हैं, न ही इसे कोई चुरा सकता हैं, यह दिन पर दिन बढता जाता हैं। यह ऐसा धन हैं जो मोक्ष का मार्ग दिखता हैं। इस नाम को अर्थात श्री कृष्ण को पाकर मीरा ने ख़ुशी – ख़ुशी से उनका गुणगान किया है।


atulkushwaha782004: v.nish
TanviiBhardwaj18: ???
sonimamta547: ..
Answered by probrainsme102
2

Answer:

'मेरे पास मणि का धन है जो मेरे भगवान का नाम है।

Explanation:

फिल्म का शीर्षक मीराबाई के लोकप्रिय भजन, राम रतन धन पायो से प्रेरित है, जिसका अर्थ है 'मेरे पास उस रत्न का धन है जो मेरे भगवान का नाम है। ' यहां शीर्षक में, राम को प्रेम से बदल दिया गया है, और इसलिए इसका अर्थ है 'मुझे प्रेम के रत्न का धन मिला है। 'मीराबाई का जन्म कुडकी (राजस्थान के आधुनिक पाली जिले) में राठौर राजपूत शाही परिवार में हुआ था और उन्होंने अपना बचपन मेड़ता में बिताया। भक्तमाल में उसका उल्लेख किया गया है, यह पुष्टि करते हुए कि वह लगभग 1600 ईस्वी तक भक्ति आंदोलन संस्कृति में व्यापक रूप से जानी जाती थी और एक पोषित व्यक्ति थी।मीराबाई के बारे में अधिकांश किंवदंतियों में सामाजिक और पारिवारिक परंपराओं के प्रति उनकी निडर अवहेलना, कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति, कृष्ण को अपने पति के रूप में मानने और उनकी धार्मिक भक्ति के लिए उनके ससुराल वालों द्वारा सताए जाने का उल्लेख है।वह कई लोक कथाओं और जीवन-संबंधी किंवदंतियों का विषय रही हैं, जो विवरण में असंगत या व्यापक रूप से भिन्न हैं|

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