Hindi, asked by mansi834, 8 months ago

5. पच्छी परछीने ऐसे परे पर छीने बीर।
तेरी बरछी ने बर छीने हैं खलन के।
इसका मतलब हिंदी में। ​

Answers

Answered by aditi8272
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१. पच्छी परछीने ऐसे परे पर छीने बीर|

    तेरी बरछी ने बर छीने हैं खलन के|

२. काली घटा का घमंड घटा|

३. कहे कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराई लीनी|

४. कनक कनक तै सौ गुनी मादकता अधिकाय|

    वा खाए बौराए जग या पाए बौराये||

५. माला फेरत जुग भया, फिरा न मन फेर|

    कर का मनका डारि दै, मन का मनका फेर||

६. तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती हैं||

७. वहै शब्द पुनि - पुनि परै, अर्थ भिन्न ही भिन्न|

८. गुनी गुनी सब के कहे, निगुनी गुनी न होत|

    सुन्यौ कहूँ तरु अरक तें, अरक समानु उदोत||

९. ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी|

    ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती है||

१०. भर गया जी हनीफ़ जी जी कर, थक गए दिल के चाक सी सी कर|

      यों जिये जिस तरह उगे सब्ज़, रेग जारों में ओस पी पी कर।।

 

जब एक ही वाक्य में किसी एक शब्द का प्रयोग दो या अधिक बार हो पर दोनो बार उसके अर्थ भिन्न भिन्न निकले, वहाँ यमक अलंकार होता है। उद्धरण -

•तीन बेर खाती थी, वे तीन बेर खाती हैं।

•म।ला फेरत जग गया, फिरा न मन का फेर। कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर।

•कहे है कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराई लीनी

•काली घटा का घमंड घटा।

•जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं।

•केकी रव की नुपुर ध्वनि सुन, जगती जगतीकी मूक प्यास।

•उधौ जोग जोग हम नाही |

•कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय, या खाये बौराय जग, वा पाये बौराय।

•ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती हैं। 

•२ति २ति सोभा सब, २ति के सरीर की।

Answered by adarshkutal2006
3

Answer:

यमक अलंकार

परछीने=पंख कटे हुए।

बरछीने=हथियार

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