5. पल्लवन की विशेषताएँ लिखिए तथा 'परहित सरिस धरम नहिं भाई' का पल्लवन कीजिए।
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किसी निर्धारित विषय जैसे सूत्र-वाक्य, उक्ति या विवेच्य-बिन्दु को उदाहरण, तर्क आदि से पुष्ट करते हुए प्रवाहमयी, सहज अभिव्यक्ति-शैली में मौलिक, सारगर्भित विस्तार देना पल्लवन (expansion) कहलाता है। इसे विस्तारण, भाव-विस्तारण, भाव-पल्लवन आदि भी कहा जाता है।
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जहाँ कुमति तहँ बिपति निधाना।। परहित सरिस धरम नहीं भाई। इन सूक्तियों ओर कहावतों में भाव ...
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