Hindi, asked by sukhshanti586, 1 month ago

5. पथ अंधकार मय था और मधुलिका का हृदय भी निविड़ तम से घिरा था। उसका मन सहसा विचलित हो उठा, मधुरता नष्ट हो गयी। जितनी सुख कल्पना थी, वह अंधकार में विलीन होने लगी। पहला भय उसे अरुण के लिए उत्पन्न हुआ, यदि वह सफल न हुआ तो? सप्रसंग व्याख्या कीजिए।​

Answers

Answered by shishir303
7

पथ अंधकार मय था और मधुलिका का हृदय भी निविड़ तम से घिरा था। उसका मन सहसा विचलित हो उठा, मधुरता नष्ट हो गयी। जितनी सुख कल्पना थी, वह अंधकार में विलीन होने लगी। पहला भय उसे अरुण के लिए उत्पन्न हुआ, यदि वह सफल न हुआ तो?

संप्रसंग : यह पंक्तियां ‘जयशंकर प्रसाद’ द्वारा रचित ‘पुरस्कार’ नामक ऐतिहासिक कहानी से उद्धृत की गई हैं। इन पंक्तियों में लेखक ने उस प्रसंग का वर्णन किया है, जब कहानी की मुख्य पात्र मधुलिका राजकुमार अरुण से मिलने के बाद उससे विदा लेकर अपनी झोपड़ी की ओर जा रही थी।

व्याख्या : मधुलिका ने राजकुमार अरुण से विदा ली और अपनी झोपड़ी की ओर जाने लगी। उस समय चारों ओर अंधेरा फैल चुका था, लेकिन एक अंधेरा मधुलिका के हृदय में भी छाया हुआ था। उसका मन बेहद बेचैन हो रहा था। उसके स्वभाव की मुधरता कहीं गायब हो गई थी और उसके मन में कोसल प्रदेश की रानी बनने की कल्पना का जो सुख जन्म लेने लगा था, वह अचानक गायब हो गया। उसका यह क्षणिक सुख उसके मन के अंधकार में कहीं खो गया और उसको डर लगने लगा। उसको पहले यह डर लगने लगा कि यदि अरुण अपने कार्य में सफल नहीं हुआ तो उसका क्या होगा और यदि वह सफल हो भी गया तो भी वह एक विदेशी राजकुमार है। उसका साथ देना क्या उचित रहेगा। इसी डर की आशंका से उसका ह्रदय विचलित हो उठा।

○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○

संबंधित कुछ और प्रश्न—▼

पुरुस्कार कहानी का सारांश...

https://brainly.in/question/10353407

○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○

Answered by shekhsahidza
1

Answer:

ye bala answer chota h thoda bada upload karo mitr

Similar questions