5 points on mata sita in hindi
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Explanation:
भारतीय संस्कृति में नारियों को अत्यधिक सम्मान दिया गया है । नारी शक्ति को दैवीय तथा अलौकिक रूप प्रदान करते हुए उसे इतना पूजनीय माना गया है कि हमारे हिन्दू-धर्म के शास्त्रों और पुराणों में नारी के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा गया है- ”यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता ।”
दुर्गा, काली, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती आदि नारियां आदर्श प्रेरणास्त्रोत रही हैं । ऐसी ही आदर्श नारी, जो मानवीय और दैवीय दोनों ही रूपों में अत्यन्त ही पूजनीय है, वह है मर्यादा पुराषोत्तम श्रीरामजी की प्राणप्रिया, अर्द्धांगिनी सीताजी ।
2. उनका आदर्श जीवन चरित्र:
देवी सीता का जन्म भूमि के गर्भ से हुआ था । अत: उनकी जननी माता पृथ्वी कही जाती हैं । मिथिला के राजा जनक को सीताजी खेत में हल चलाये जाने के दौरान वरदान स्वरूप प्राप्त हुई थीं । उस समय एक स्वर्ण पेटी में प्राप्त सीताजी अलौकिक तथा तेजस्वी स्वरुप में साक्षात देवी हो लग रही थीं । जनक ने उन्हें अपनी पालिता-पुत्री मान लिया था ।
Answer:
*satya pati vrata
*dharti mata ki santan
*Laxmi ka avtar
*sabse jyada kast ka laxmi avtar
*Jaan lagakr apni raksha karne ki shikh dene vala avtar