5 Quotes on Mahatma Hansraj.
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Mahatma hansraj was born in Hoshiarpur district, of Punjab on 19 April 1864. He is the founder of the Dayanand Anglo-Vedic Schools System (D.A.V.) school.
Some of his quotes are I will not win immediately but definitely. One should be the good person but don’t waste time in proving that.
The best thing one can wear is the confidence.
शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति के सिद्धांतों का जीवन पर्यंत पालन करना ही अपना धर्म समझने वाले महात्मा हंसराज जी आर्य समाज के पांच बिन्दुओं पर विशेष बल देते रहे।
1.संध्या - महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा चलाई और चुनी गई वैदिक प्रार्थना पद्धति और मन्त्रों के साथ ही हमेशा संध्या की।
2.स्वाध्याय-उनका मानना था कि स्वयं का अध्ययन और मनन-चिंतन ही सुधार की शुरुआत है,हम सुधरेंगे तभी समाज सुधरेगा।
3.सत्संग- साप्ताहिक रूप से सत्संग का होना परस्पर शिक्षा,ज्ञान और आध्यात्म के आदान-प्रदान को बढाने के साथ-साथ परस्परता की भावना को भी बढाता है।
4.स्वदेश प्रेम- स्वदेश प्रेम और देशहित और रक्षा में प्राणों का बलिदान कर देना ही आर्य धर्म है।
5. मानव सेवा-स्वयं को ऊंचा उठाना है तो मानव सेवा को अपना स्वाभाव और अपनी आदत बनाना ही होगा,मानव-सेवा से बड़ा धर्म कोई अन्य है ही नहीं।
उनके कुछ विशेष और अनमोल कथन:
.सर्वश्रेष्ठ वस्तु जिसे हमें सदा पहनना चाहिए वो है हमारा आत्म-विश्वास।
.शीघ्र नहीं परन्तु हम विजयी होंगे ये निश्चित है।
.व्यक्ति का नेक होना बहुतअच्छा है परन्तु उसे साबित करने के लिए समय नष्ट करने की कोई आवश्यकता नहीं।