5. रेखाङ्कित पदेषु संधिच्छेदं अथवा संधिं कृत्वा लिखत-
रेखांकित पदों में संधिच्छेद या संधि कर लिखिए-
(Disjoin or join the words)
1. त्वम् अत्रैव तिष्ठ।
2. अहम् पित्राज्ञा पालनं करोमि।
3. जनाः महा+ईशं पूजयन्ति।
4.सः भौ+उक: बालकः अस्ति |
5. गायक: गीतं गायति।
6. सु+अच्छम् वस्त्रं धारय।
7. तच्छ्रुत्वा सः बहि: अगच्छत् ।
8. बालिका अनु+छेदं लिखति।
9. तच्चित्रम् सुन्दरं अस्ति।
10. व्यायायम् कृत्वा नीरोग: भव।
Answers
Answer:
अधोलिखितपदयोः संन्धिं कृत्वा :
(क) पदस्य + अस्य = पदस्यास्य
(ख) तालपत्र + उपरि = तालपत्रोपरि
(ग) च + अतिष्ठत = चातिष्ठत
(घ) कर्गद + उद्योगे = कर्गदोद्योगे
(ङ) क्रय + अर्थम् = क्रयार्थम्
(च) इति + अनयोः = इत्यनयोः
(छ) उपचार + अर्थम् = उपचारार्थम्
कुछ अतिरिक्त जानकारी :
सन्धि :
दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है वह विकार ही सन्धि कही जाती है।
जब स्वर का स्वर के साथ मेल होता है तो स्वर संधि सन्धि, व्यंजन का स्वर से या व्यंजन से मेल होता है तो व्यंजन सन्धि तथा विसर्ग का स्वर अथवा व्यंजन से मेल होता तो विसर्ग सन्धि बनती है ।
इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
उदाहरणमनुसृत्य विशेषण विशेष्यमेलनं कुरुत-
यथा - विशेषण विशेष्य
संपूर्णे भारते
(क) मौखिकं (1) ज्ञानम्
(ख) मनोगता: (2) उपकारः
(ग) टंकितानि (3) काले कार्याणि
(घ) महान् (4) विनिमयः
(ङ) मुद्राविहीनः (5) कार्याणि
रेखांकितपदान्यधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-(रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्न-निर्माण कीजिए-)
(क) भोजपत्रोपरि लेखनम् आरब्धम्।
(ख) लेखनार्थम् कर्गदस्य आवश्यकतायाः अनुभूतिः न भविष्यति।
(ग) विश्रामगृहेषु कक्षं सुनिश्चितं भवेत्।
(घ) सर्वाणि पत्राणि चलदूरभाषयन्त्रे सुरक्षितानि भवन्ति।
(ङ) वयम् उपचारार्थम् चिकित्सालयं गच्छामः?
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