Social Sciences, asked by vedantwadive639, 9 months ago

5. रानी चेन्जमाने
में अंग्रेज विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किया।​

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Answered by mansigamare304
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Answer:

रत के कर्नाटक के कित्तूर राज्य की रानी थीं। सन् १८२४ में (सन् १८५७ के भारत के स्वतंत्रता के प्रथम संग्राम से भी ३३ वर्ष पूर्व) उन्होने हड़प नीति (डॉक्ट्रिन ऑफ लेप्स) के विरुद्ध अंग्रेजों से सशस्त्र संघर्ष किया था। संघर्ष में वह वीरगति को प्राप्त हुईं। भारत में उन्हें भारत की स्वतंत्रता के लिये संघर्ष करने वाले सबसे पहले शासकों में उनका नाम लिया जाता है।[1]

रानी चेन्नम्मा

Kittur Chenamma.jpg

रानी चेन्नम्मा

जन्म

चेन्नम्मा

23 अक्टूबर 1778

काकती, बेलगाँव तहसील, बेलगाँव जिला, मैसूर, ब्रितानी भारत

मृत्यु

21 फ़रवरी 1829 (उम्र 50)

बैलहोंगल तहसील, बेलगाँव, मैसूर, ब्रितानी भारत

राष्ट्रीयता

भारतीय

अन्य नाम

रानी चेन्नम्मा, कित्तूर रानी चेन्नमा

प्रसिद्धि कारण

१८२४ ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह

रानी चेनम्मा के साहस एवं उनकी वीरता के कारण देश के विभिन्न हिस्सों खासकर कर्नाटक में उन्हें विशेष सम्मान हासिल है और उनका नाम आदर के साथ लिया जाता है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के संघर्ष के पहले ही रानी चेनम्मा ने युद्ध में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे। हालांकि उन्हें युद्ध में कामयाबी नहीं मिली और उन्हें कैद कर लिया गया। अंग्रेजों के कैद में ही रानी चेनम्मा का निधन हो गया।[2]

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