Hindi, asked by amankumar28121975, 6 months ago

5. रुस की अक्टूबर 1917 की क्रांति का वर्णन करें।

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Answered by anjali962
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Answer :-

Hey:-

सन् 1917 की फ़रवरी में रूस में पूँजीवादी क्रांति हुई और रूसी राजसत्ता अस्थायी सरकार के, पूँजीवादी अधिनायकत्व की उस संस्था के हाथ में आ गई जिस ने रूसी राज्य की शासन-मशीन को क़ाबू में कर लिया था।

सन् 1917 की फ़रवरी में रूस में पूँजीवादी क्रांति हुई और रूसी राजसत्ता अस्थायी सरकार के, पूँजीवादी अधिनायकत्व की उस संस्था के हाथ में आ गई जिस ने रूसी राज्य की शासन-मशीन को क़ाबू में कर लिया था।राजनीतिक संग्राम के क्षेत्र में रूसी मज़दूर-वर्ग के हितों को लेनिन की बोल्शेबिक-पार्टी व्यक्त करती थी। ज़ारशही शासन के विरुद्ध की लडा़इयों में उस के नेतृत्व में पेत्रोग्राद (1924 से लेनिनग्राद, 1991 से सेंट पीटर्सबर्ग) के मज़दूर सोवियतों (रूसी: совет - परिषद्) की स्थापना करने लगे जिन में शुरू से ही वे सिपाही भी भाग लेते थे जो असल में फ़ौजी पोशाक पहने हुए किसान थे।

रूसी मज़दूर-वर्ग ने जल्दी से ट्रेड-यूनियनों को क़ायम किया, बिना हुक्म के आठ घंटे का काम का दिन लागू किया और क्रांति की रक्षा के लिए लाल गार्ड की स्थापना की।

सुबह को सैनिक क्रांति-समिति ने लेनिन की लिखी "रूस के नागरिकों के नाम" ऐतिहासिक अपील का प्रकाशन किया। इस में आम जनता को यह ख़बर दी गयी थी कि अस्थायी सरकार का तख़्ता उलट दिया गया है और राजसत्ता पेत्रोग्राद के सर्वहारा और नगर-सेना की अगुआई करनेवाली सैनिक क्रांति-समिति के हाथों में आ गई है। पेत्रोग्राद में क्रांति की विजय की ख़बर तार द्वारा रूस के कोने-कोने में और सभी मोर्चों पर पहुँचाई गई।

दिन के समय लेनिन ने पेत्रोग्राद नगर-सोवियत की असाधारण बैठक में सोवियत शासन के कर्त्तव्यों पर भाषण दिया। इस भाषण के ऐतिहासिक शब्द थे: "मज़दूरों और किसानों की क्रांति ... कामयाब हो गई है।.."

दिन के समय लेनिन ने पेत्रोग्राद नगर-सोवियत की असाधारण बैठक में सोवियत शासन के कर्त्तव्यों पर भाषण दिया। इस भाषण के ऐतिहासिक शब्द थे: "मज़दूरों और किसानों की क्रांति ... कामयाब हो गई है।.."26 अक्टूबर की सुबह के 5 बजे सोवियतों की दूसरी अखिल रूसी कांग्रेस के अधिवेशन में यह ख़बर सुनायी गई कि अस्थायी सरकार के आख़िरी क़िले - शीत-महल पर क़ब्ज़ा कर लिया गया है। केंद्र में और दूसरे स्थानों पर राज्यशासन सोवियतों के हाथों में आ गया है।

दिन के समय लेनिन ने पेत्रोग्राद नगर-सोवियत की असाधारण बैठक में सोवियत शासन के कर्त्तव्यों पर भाषण दिया। इस भाषण के ऐतिहासिक शब्द थे: "मज़दूरों और किसानों की क्रांति ... कामयाब हो गई है।.."26 अक्टूबर की सुबह के 5 बजे सोवियतों की दूसरी अखिल रूसी कांग्रेस के अधिवेशन में यह ख़बर सुनायी गई कि अस्थायी सरकार के आख़िरी क़िले - शीत-महल पर क़ब्ज़ा कर लिया गया है। केंद्र में और दूसरे स्थानों पर राज्यशासन सोवियतों के हाथों में आ गया है।संसार के इतिहास में मज़दूरों और किसानों का पहला राज्य क़ायम हो गया था।

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