(5) संघर्ष के मार्ग में अकेला ही चलना पड़ता है। कोई बाहरी शक्ति आपकी सहायता नहीं करती है। परिश्रम, दृढ़ इच्छाशक्ति व लगन आदि मानवीय गुण व्यक्ति को संघर्ष करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। दो महत्त्वपूर्ण तथ्य स्मरणीय हैं - प्रत्येक समस्या अपने साथ संघर्ष लेकर आती है। प्रत्येक संघर्ष के गर्भ में विजय निहित रहती है। एक अध्यापक ने छोड़ने वाले अपने छात्रों को यह संदेश दिया था - तुम्हें जीवन में सफल होने के लिए समस्याओं से संघर्ष करने का अभ्यास करना होगा। हम कोई भी कार्य करें, सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने का संकल्प लेकर चलें। सफलता हमें कभी निराश नहीं करेगी। समस्त ग्रंथों और महापुरुषों के अनुभवों का निष्कर्ष यह है कि संघर्ष से डरना अथवा उससे विमुख होना अहितकर है, मानव धर्म के प्रतिकूल है और अपने विकास को अनावश्यक रूप से बाधित करना है। आप जागिए, उठिए दृढ़ संकल्प, उत्साह एवं साहस के साथ संघर्ष रूपी विजय-रथ पर चढ़िए और अपने जीवन के विकास की बाधाओं पर विजय प्राप्त कीजिए।
क) जीवन में सफलता प्राप्त करने का मार्ग कैसे प्रशस्त किया जा सकता है? ख) एक अध्यापक ने छोड़ने वाले अपने छात्रों को क्या संदेश दिया था? ग) उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
Answers
Answered by
0
Explanation:
इस प्रश्न का उत्तर क्या है
Similar questions