Hindi, asked by tanuk4243, 6 months ago

5. सचिन तेंदुलकर ने अपना प्रथम श्रेणी का मैच कब खेला था ?
(क) 1988-89 (ख) 1987-88 (ग) 1989-90​

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Answered by samikshyadharua1432
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Answer:

सचिन तेंडुलकर ने 15 नवंबर 1989 को इंटरनेशनल क्रिकेट का डेब्यू किया था. पाकिस्तान के खिलाफ कराची के मैदान पर 16 साल से भी कम उम्र के सचिन ने अपना पहला मैच खेला था. इंडिया पाकिस्तान का वो मैच था मगर हमारे यहां इंडिया में लोग सचिन के डेब्यू को देख नहीं पाए थे. कारण ये कि वो सैटेलाइट टीवी से पहले का वक्त था और सिर्फ दूरदर्शन ही एकमात्र चैनल था. अगर उस बीच प्रधानमंत्री का कोई भाषण या विदेशी दौरा आ जाए, तो क्रिकेट मैच वैसे ही नहीं दिखाया जाता था. बस एक ऑल इंडिया रेडियो था जो मैच की लाइव कमेंट्री देता था, मगर उस मैच को रेडियो पर भी नहीं सुनाया गया था. सचिन ने 15 रनों की पारी खेली थी जिसमें दो चौके मारे थे. फिर उस मैच में ही डेब्यू कर रहे वकार युनुस ने उन्हें बोल्ड मारा था.

1989 में भारत-पाकिस्तान सीरीज का वो पहला मैच इसलिए नहीं दिखाया गया क्योंकि दूरदर्शन इंडिया में लोकसभा चुनाव में व्यस्त था. भारत में 22 से 26 नवंबर 1989 के बीच चुनाव थे. कांग्रेस को सत्ता से हटाकर वीपी सिंह की मिली जुली सरकार बनी थी. तो इस बीच दूरदर्शन ने तय किया कि वो सीरीज के शुरुआती दो टेस्ट मैचों को कवर नहीं करेगा यानी कराची टेस्ट और उसके बाद फैसलाबाद टेस्ट दूरदर्शन ने चुनाव के चलते कवर नहीं किए. इस तरह हिंदुस्तानियों को ये मैच देखने का मौका नहीं मिला और वो तेंडुलकर के इस पहले मैच को देखने से महरूम रह गए. उस वक्त दूरदर्शन समेत कई हिंदुस्तानियों को इस बात का इल्हाम भी नहीं रहा होगा कि ये लड़का आगे चलकर क्रिकेट की दुनिया का सबसे चमकता सितारा बनेगा.

मगर फिर सचिन उतने बड़े सितारे बने कि टीवी ने अगले दो दशक तक सचिन की परछाई को भी फॉलो किया. 2013 में जब सचिन तेंडुलकर ने अपना आखिरी यानी 200वां टेस्ट खेला तो उस वक्त टीवी को टेस्ट क्रिकेट के इतिहास की सबसे ज्यादा रेटिंग मिली थी. पूरे वानखेड़े स्टेडियम में भरे खचाखच लोगों समेत दुनिया भर से इस क्रिकेटर को आखिरी बार खेलते देखा था. 1989 से शुरू हुआ सचिन का सफर इंडिया के लिए उम्मीदों की उड़ान भी था. सचिन ने अपने गेम से लोगों को ऐसे बांधना शुरू किया कि जिनके पास टीवी नहीं था, वो दुकानों के बाहर खड़े हो जाते थे या फिर एक रेडियो के चारों और इकट्टे हो जाते थे. सचिन ने इंग्लैंड से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक में शतक जड़ने शुरू किए. फिर शारजाह में तो वो छा गए.

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