5 Sanskrit sholk with English meaning only, Please answer me !
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Explanation:
गुणा गुणज्ञेषु गुणा भवन्ति ते निर्गुणं प्राप्य भवन्ति दोषाः।
सुस्वादुतोयाः प्रभवन्ति नद्यः समुद्रमासाद्य भवन्तपेयाः।।1।।
Hindi Translation-
गुणवान व्यक्तियों में गुण, गुण ही होते हैं। वे गुणहीन व्यक्तियों को प्राप्त करके दोष बन जाते है। नदिया जिसप्रकार स्वादिष्ट जल से युक्त होकर निकलती हैं ,परन्तु समुद्र में पहुंचकर वे जल पिने योग्य नहीं होती हैं।
English Translation-
The Qualities of the virtuous people are the qualities. Receiving the same quality, the virtuous person becomes a fault. The river comes out with tasty water from the mountains, but when they reach the sea, they will not be portable.
Sanskrit Sloka -2
साहित्यसंगीतकलाविहीनः साक्षात्पशुः पुच्छविषाणहीनः।
तृणं न खादन्नपि जीवमानः तद्भागधेयं परमं पशूनाम्।।2।।
Hindi Translation-
साहित्य संगीत तथा कला से रहित व्यक्ति वास्तव में पूँछ व सींग के बिना पशु है ,जो घास न खाता हुआ भी (पशु के समान ) जीवित है। यह उन पशुओं का अत्यधिक सौभाग्य है।
English Translation-
The person who is devoid of literature, music and other skills as like art is actually like a beast without a horn and asking. The one who does not eat grass is alive. well it is a matter of pride for animals that some people are
Sanskrit Sloka- 3
लुब्धस्य नश्यति यशः पिशुनस्य मैत्री नष्टक्रियस्य कुलमर्थपरस्य धर्मः।
विद्याफलं व्यसनिनः कृपणस्य सौख्यं राज्यं प्रमत्तसचिवस्य नराधिपस्य।।3।।
Hindi Translation-
लालची व्यक्ति का यश, चुगलखोर की मित्रता ,जिसके कर्मा नष्ट हो चुके हैं उसका कुल, धन को अधिक महत्व देने वाले व्यक्ति का धर्म,बुरी लत वाले का विद्या का फल ,कंजूस का सुख तथा जिसके मंत्री प्रमाद से पूर्ण हैं ऐसे राजा का राज्य नष्ट हो जाता है।
English Translation-
The fame of the greedy person ,friendliness of sagalakhor, the told of dacoits, the religion of the seeker of wealth, the fruit of the teachings of the evil habits, the happiness of mischief,the state minister is filled with
Sanskrit Sloka - 4
पीत्वा रसं तू कटुकं मधुरं समानं माधुर्यमेव जनयेन्मधुमक्षिकासौ।
संतस्तथैव समसज्जनदुर्जनानां श्रुत्वा वचः मधुरसूक्तरसं सृजन्ति।।4।।
Hindi Translation-
जिसप्रकार यह मधुमक्खी कड़वे अथवा मधुर रस को समान रूप से पीकर मीठा रस ही उत्पन्न करती है। उसी प्रकार सन्त लोग, सज्जन और दुष्ट लोगों के वचन को एक सामान रूप में सुनकर मधुर सूक्ति रूप रस का निर्माण करते हैं।
English Translation-
The bee drinks the juice of bitter or sweet flowers equally, it produces sweet juices. In the same way, the sadhus should say the words of the wicked and the gentle people equally and listen to the melodious voice.
Sanskrit Sloka -5
पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम्।
मूढैः पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा विधीयते।।5।।
Hindi Translation-
पृथ्वी पर जल, अन्न और सुन्दर वचन तीन रत्न है। मूर्खों के द्वारा पत्थर के टुकड़ो को रत्न का नाम दिया जाता हैं।
English Translation-
Fod,Water and beautiful words on Earth are the three gems, Gems are considered In stone Pieces by Foolish
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