5 sentences about commercial grain farming in hindi
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कॉमर्शियल एग्रीकल्चर (commercial agriculture) को एग्री बिजनेस (agri business) भी कहते हैं. ऐसी खेती जिसमें कमाई के अवसर ज्यादा हों, उसे कॉमर्शियल फार्मिंग (commercial farming) या व्यावसायिक खेती बोलते हैं. इस खेती में फसल या पशुधन को इसी हिसाब से उगाया या पाला जाता है जिससे कि आगे चलकर कमाई प्राप्त की जा सके. फसल या पशुधन को बाजार में बेचकर लाभ कमाया जा सके, इसे देखते हुए ही कॉमर्शियल फार्मिंग की जाती है…..
इस प्रकार की खेती में बड़ी पूंजी की आवश्यकता होती है. बड़े-बड़े खेतों में बड़े स्तर पर फसल उगाई जाती है. इसके लिए आधुनिक तकनीक, मशीनरी, सिंचाई और केमिकल फर्टिलाइज का इस्तेमाल किया जाता है. कॉमर्शियल फार्मिंग की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि खेती में उच्च उत्पादकता के लिए सबसे अच्छे इनपुट (खाद, बीज आदि) का इस्तेमाल किया जाता है. इस लागत में बीच की सबसे अच्छी क्वालिटी, उर्वरक, कीटनाशक, खर-पतवार नाशक आदि का उपयोग किया जाता है.
कॉमर्शियल फार्मिंग में उन फसलों की खेती की जाती है जिनकी मांग सबसे ज्यादा है. ऐसी फसलों की खेती जिनका निर्यात किया जा सके. इन उपजों का इस्तेमाल इंडस्ट्री में कच्चे माल के रूप में किया जाता है और उससे उच्च क्वालिटी के प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं. परंपरागत और व्यावसायिक खेती में कुछ खास अंतर हैं जिन्हें ऐसे समझ सकते हैं-
परंपरागत खेती में किसान ऐसी फसलें उगाता है जिससे परिवार की जरूरतें पूरी हों और इसके लिए एक साथ कई तरह की फसलें उगाई जाती हैं. कॉमर्शियल फार्मिंग में ऐसी फसलें उगाई जाती हैं जिन्हें बेचकर बड़े स्तर पर लाभ कमाया जा सके जिसमें पशुधन भी शामिल होता है.
परंपरागत खेती में पूंजी कम और श्रम ज्यादा लगता है. दूसरी ओर, व्यावसायिक खेती में पूंजी ज्यादा और श्रम कम लगता है. इसमें मशीन से ज्यादा काम किए जाते हैं, जबकि परंपरागत खेती में लोग परिश्रम ज्यादा करते हैं.
परंपरागत खेती छोटी जमीन में भी कर सकते हैं लेकिन व्यावसायिक खेती के लिए बड़े पट्टे की जरूरत होती है.