5 stories of premchand in hindi and its summary in hindi
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STORY
परीक्षा
देवगढ़ की रियासत के दीवान सुजानसिंह ने राजा से बुढ़ापे के कारण अपने पद से त्याग देने का प्रस्ताव राजा के सामने रखा ।
राजा , सुजान सिंह को बहुत नीति कुशल मानते थे अतः उन्होने नया दीवान चुनने की ज़िम्मेदारी भी सुजान सिंह को दे दी।
अखबार मे नए योग्य दीवान के लिए विज्ञापन दिया गया कि एक महीने तक उम्मीदवारों को परखा जाएगा और जो उम्मीदवार इस परीक्षा मे खरा उतरेगा वही नया दीवान होगा।
विभिन्न राज्यों से सेकड़ों तरह तरह के लोग , इस पद के लिए देवगढ़ पहुँचने लगे। सुजान सिंह ने इन सभी क आदर सतकर क अचछ परबध कय थ।
हर वयकत अपन आप क सरवशरषठ दखन म लग गय । जस स बत कर वह सदचर क पजर और नमरत क दवतग बन दखई दत थ ।
लकन सजन सह सभ क दख रह थ क इन बगल म हस ख छप ह।
एक दन उममदवर न हक क खल खलन क नशचय कय ।
हक क खल समपत हन क बद जब सभ उममदवर ज रह थ तब रसत म एक असहय कसन जसक अनज स लद बल गड़ नल म फस गई थ , वह खड़ हआ थ।
सभ उममदवर वह स गजर रह थ परत कस न भ उस कसन क मदद न क। तभ एक जखम उममदवर उस कसन क पस आय। उसन कसन क गड़ नकलन म मदद क ।
एक महन क परकष क बद जब परणम क दन , सजन सह न उस उममदवर क चन जसन असहय कसन क मदद क और कह क हम ऐस ह वर ,सहस और परपकर दवन क जररत थ।