5. दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- (क) कौन किससे खेल रही है? (ख) इस कविता का मूलभाव लिखिए। (ग) बेटियों ने किस-किस क्षेत्र में नाम रोशन किया है?
Answers
Answered by
1
Answer:
खुशबू की हलचल है बेटी, आने वाला कल है बेटी
विज्ञापन
दरिया की कलकल है बेटी, कभी नहीं निर्बल है बेटी
ईश्वर की अरमान है बेटी, माँ-बाबुल की मान है बेटी
बोझ नहीं आसान है बेटी, दो कुल की अभिमान है बेटी
घर-आँगन की शान है बेटी
जीवन की ज्योति है बेटी, खुशियों की पोथी है बेटी
ख्वावों की खेती है बेटी, सागर की मोती है बेटी
मानो तो मेहमान है बेटी, सिंदूरी आसमान है बेटी
हौसलों की उड़ान है बेटी, मंजिल की पहचान है बेटी
घर-आँगन की शान है बेटी
- रणजीत ‘शेखपुरी’
- हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है।
आपकी रचनात्मकता को अमर उजाला काव्य देगा नया मुक़ाम, रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें
Similar questions