Accountancy, asked by chanuprajapati9, 6 months ago

5. दिग्विजय, बृजश तथा पराक्रम फर्म मसाझेदार जिसका लाभ विभाजन अनुपात 2:2:1814
विदशीत हुए आवश्यक गजनामना प्रविष्टका
का उनका तुलन पत्र इस प्रकार है:
तुलन पत्र
(31 मार्च, 2007)
राशि सम्पत्तियाँ
दायित्व

49,000
रोकड़
लेनदार
संचय
दिग्विजय की पूँजी
वृजेश पूँजी
पराक्रम को पूँजी
18500
82,000
60,000
75,500
12,85,000
भवन
200/50
31 मार्च, 2007 को वृजेश निम्न शता पर सेवानिवृत्त होता है,
(1) फर्म की ख्याति का मूल्यांकन 70,000 रुपये हुआ तथा पुस्तकों में नहीं दर्शाया जाएगा।
(11) 2,000 रुपये मूल्य के डूवत ऋण का अपलिखित किया।
(11) पेटेंट को मूल्य रहित माना जाएगा।
पुनर्मूल्यांकन खाता, साझेदारों के खाते तथा बृजेश के सेवानिवृत्त होने के बाद दिविजय तथा पराक्रम का तुलन
र करें।

Answers

Answered by Hemalathajothimani
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Answer:

http://ncert.nic.in/textbook/pdf/lhac104.pdf

Explanation:

भागीदारी या साझेदारी (partnership) व्यावसायिक संगठन का एक स व्यक्तियों का पारस्परिक संबंध है, जिसमें लाभ कमाने के उद्देश्य से एक व्यावसायिक उद्यम का गठन किया जाता है। वे व्यक्ति जो एक साथ मिलकर व्यवसाय करते है, उन्हें व्यक्तिगत रूप से ‘साझेदारी’ (पार्टनरशिप) और सामूहिक रूप से ‘फर्म’ कहा जाता है। जिस नाम से व्यवसाय किया जाता है उसे ‘फर्म का नाम’ कहते हैं। सुलतान एंड कंपनी, रामलाल एंड कंपनी, गुप्ता एंड कंपनी आदि कुछ फर्मों के नाम हैं।

साझेदारी फर्म, भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932 के प्रावधनों के अंतर्गत नियंत्रित होती है। भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932 की धरा 4 के अनुसार साझेदारी उन व्यक्तियों का आपसी संबंध है, जो उन सबके द्वारा या उन सबकी ओर से किसी एक साझेदार द्वारा संचालित व्यवसाय का लाभ आपस में बांटने के लिए सहमत होते हैं।

चूंकि एकल स्वामित्व व्यवसायिक संगठन की कुछ सीमाएं होती हैं; इसके वित्तीय और प्रबंधकीय संसाधन बहुत सीमित होते हैं तथा एक निश्चित सीमा से आगे इस व्यवसाय का विस्तार करना भी संभव नहीं है। एकल स्वामित्व व्यावसायिक संगठन की इन्हीं सीमाओं से निपटने के लिए साझेदारी व्यवसाय अस्तित्व में आया है।

उदाहरण मान लीजिए कि आप अपने इलाके में एक रेस्तराँ खोलना चाहते हैं। इसके लिए आपको पूँजी, काम करने वाले लोग, स्थान, बर्तन और कुछ अन्य वस्तुओं की आवश्यकता होगी। आपको लगा कि आप इसके लिए आवश्यक सारा धन नहीं जुटा पाएंगे और न ही आप इस काम को अकेले कर पाएंगे। इसलिए आपने अपने दोस्तों से बात की और उनमें से तीन व्यक्ति आपके साथ मिलकर इस रेस्तराँ को चलाने के लिए तैयार हो गए। वे तीनों रेस्तराँ चलाने के लिए कुछ पूँजी और कुछ दूसरी वस्तुओं की व्यवस्था करने के लिए भी तैयार हो गए। इस प्रकार आप चारों मिलकर रेस्तराँ के स्वामी बने और होने वाले लाभ हानि को भी आपस में बांटने के लिए तैयार हो गए।सचिन दुबे

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