- 5. उत्तर-पूर्वी भारत में स्थानांतरी कृषि को किस नाम से जाना जात क. रोका ख. चेनगिन ग. झूमिंग घ. मसोले पानकितानेलिरती
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स्थानांतरण कृषि एक आदिम प्रकार की कृषि है जिसमें पहले वृक्षों तथा वनस्पतियों को काटकर उन्हें जला दिया जाता है और साफ की गई भूमि को पुराने उपकरणों से जुताई करके बीज बो दिये जाते हैं। जब तक मिट्टी में उर्वरता विद्यमान रहती है इस भूमि पर खेती की जाती है। इसके पश्चात् इस भूमि को छोड़ दिया जाता है जिस पर पुनः पेड़-पौधें उग आते हैं। इस लेख में हमने विश्व भर में स्थानांतरण कृषि के स्थानीय नामों की सूची दिया है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।
स्थानांतरण कृषि या झूम कृषि (slash and burn farming) एक आदिम प्रकार की कृषि है जिसमें पहले वृक्षों तथा वनस्पतियों को काटकर उन्हें जला दिया जाता है और साफ की गई भूमि को पुराने उपकरणों (लकड़ी के हलों आदि) से जुताई करके बीज बो दिये जाते हैं। जब तक मिट्टी में उर्वरता विद्यमान रहती है इस भूमि पर खेती की जाती है। इसके पश्चात् इस भूमि को छोड़ दिया जाता है जिस पर पुनः पेड़-पौधें उग आते हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व में 250 मिलियन से अधिक आबादी अपनी जीवन निर्वाह के लिए स्थानांतरित कृषि पर निर्भर है। यह विविध रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में बहुत प्रचलित प्रथा है क्युकी जहां जंगली वनस्पतियां तेजी से उगती हैं।