Hindi, asked by shardasomya5328, 8 days ago

5. उद्यौ मन अभिमान बढ़ायौ जदुपाती जोग जानि जिय साँचौ , नैन अकास चढायौ । नारिनि पै मोकौं पठवत हैं कहत सिखावन जोग मन ही मन आप करत प्रशंसा , यह मिथ्या सुख - भोग

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Answered by Suyogbadgujar
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ऊधौ मन अभिमान बढ़ायौ।

जदुपति जोग जानि जिय साँचौ, नैन अकास चढ़ायौ।।

नारिनि पै मोकौ पठवत है, कहत सिखावन जोग।

मन ही मन अप करत प्रसंसा, यह मिथ्या सुख भोग।।

आयसु मानि लियौ सिर ऊपर, प्रभु अज्ञा परमान।

'सूरदास' प्रभु गोकुल पठवत, मैं क्यौं कहौ कि आन

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Answered by badgujarshital1992
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