Hindi, asked by ravatram00, 9 months ago

5. युद्ध से क्या नष्ट हुआ?​

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Answered by raotd
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Answer:

Explanation:महाभारत से एक बात तो निश्चित ही सीखने को मिलती है कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से नहीं होता है और यह भी तय है कि युद्ध से कुछ भी हासिल नहीं होता। इसका मतलब यह कि वार्ता विफल होने के बाद युद्ध करो और युद्ध करने के बाद तबाही पर आंसू बहाओ। सवाल यह उठता है कि वार्ता कब विफल होती है? वार्ता तब विफल होती है जब‍ सामने वाले पक्ष में से कोई एक मूर्ख अड़ियाल रुख अपनाता है और अंत में सभी उसका साथ देने पर मजबूर हो जाते हैं। खैर..

क्या महाभारत युद्ध और युद्ध के बाद भारत तबाह हो गया था? यह सवाल बहूत महत्वपूर्ण है कि महाभारत के युद्ध के बाद भारत की क्या गति हुई। महाभारत की चर्चा सभी करते हैं लेकिन इस युद्ध के परिणाम की चर्चा बहुत कम की जाती है। इस युद्ध से संपूर्ण भारतवर्ष पर क्या प्रभाव पड़ा इसकी चर्चा बहुत कम ही की जाती है। तो आजो आज हम इसका विश्लेषण करते हैं....

कौरव पांडवों की सेनाओं की जनसंख्या :

श्रीकृष्ण की एक अक्षौहिणी नारायणी सेना मिलाकर कौरवों के पास 11 अक्षौहिणी सेना थी तो पांडवों ने 7 अक्षौहिणी सेना एकत्रित कर ली थी। इस तरह सभी महारथियों की सेनाओं को मिलाकर कुल 45 लाख से ज्यादा लोगों ने इस युद्ध में भाग लिया था। उस काल में धरती की जनसंख्या ज्यादा नहीं थी। यदि हम वर्तमान समय की 7 अरब जनसंख्या से तुलना करें तो आज विश्व की सभी सेनाएं मिलकर एक करोड़ होगी। लेकिन उस काल में जनसंख्या इतनी नहीं थी। 1947 के पहले भारत की जनसंख्या लगभग 40 करोड़ के आसपास थी। 1650 में ईस्वी में संपूर्ण धरती की जनसंख्या लगभग 50 करोड़ थी। इस प्रकार यदि हम और पीछे जाएंगे तो धरती की जनसंख्या इससे भी आधी थी। तब क्या हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि 3112 ईसा पूर्व धरती की जनसंख्या कितनी रही होगी? अनुमान ज्ञान नहीं होता, यह वास्तविकता के करीब हो सकता है और नहीं भी। लेकिन यदि एक करोड़ लोगों ने युद्ध में भाग लिया होगा नो निश्‍चित ही कम से कम भारत की जनसंख्‍या 5 से 6 करोड़ के बीच तो रही होगी, क्योंकि तब आज जीतने शहर या गांव नहीं थे।

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