Hindi, asked by gauravhshqjqj, 1 year ago

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मजबूर पिता पर कविता
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Answered by bhatiamona
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मजबूर पिता पर कविता :

जवानी से बुढ़ापे तक पिता एक मजबूर होता है ,

सबके सपने पूरे करने के लिए हमेशा तैयार होता है  ,

पिता हर घर की रीड की हड्डी है ,

जिस पर टिकी है घर की नींव सारी ,

पिता रोटी है , पिता कपड़ा है , पिता मकान है ,

पिता सारे घर का आसमान है ,

पिता है तो , घर की शान है ,

पिता से ही सबके घर की खुशियाँ है ,

पिता से माँ की खुशियाँ है ,

पिता से ही बच्चों के सपने है ,

पिता है तो सारे बाजार के मिठाइयाँ और खिलौने अपने है ,

जवानी से बुढ़ापे तक पिता एक मजबूर है ,

सभी खुशियाँ खरीदने में पिता हर दिन खर्च होता है |

बिना आँसू और बिना आवाज के पिता रोता है ,

वह पिता होता है , वह पिता होता है |

Answered by bhaveshpatil52
0

Answer:

Cbse board has launched the syllabus on their official website www.cbse.gov.in

And there is going to be exam in two terms , term 1 consist of mcq and term 2 consists of subjective. NOTE: BOTH THE TERMS CONSIST 40 MARKS EACH

AND LAST THIS SURELY FOR FOR ACADEMIC SESSION 2021-22

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