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व्याख्या करिये...
"सीता-राम चरित अति पावन, मधुर सरस और अति मन भावन।
पुनि पुनि कितने हो सुने सुनाये
हिये की प्यास बुझत ना बुझाये।"
Answers
सर्वप्रथम श्री राम और सीतामाता को प्रणाम।
व्याख्या - भगवान श्री राम और माता सीता का चरित्र इतना पवित्र है कि जिसे सुनने पर मन को असीम प्रेम मिलता है। कितने लोगों को सीता राम जी का चरित्र सुनाया गया, पर एक बार सुनने पर लोगो को और सुनने का मन करता है उनके मन की प्यास भुजती नही है।
सीता-राम चरित अति पावन,
मधुर सरस और अति मन भावन।
पुनि पुनि कितने हो सुने सुनाये
हिये की प्यास बुझत ना बुझाये।
तुलसीकृत रामचरित मानस की इन पंक्तियों की व्याख्या इस प्रकार है...
व्याख्या : सीता और राम का चरित्र इतना पावन है और मधुर है, कि उनके चरित्र वर्णन के बारे में सुनते ही रहने का मन करता है। उनका चरित्र बखान मन को बहुत प्रिय लगता है। बार-बार जितनी बार प्रभु राम और सीता के चरित्र का बखान सुनते जाओ, तो भी मन नही भरता और हृदय की प्यास नही बुझती बल्कि बार-बार उनके चरित्र का बखान सुनने का मन करता ही रहता है।