500 words essay on jal sanrakshan
SarvagyaM:
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जल हमारे जीवन में बहुत महत्त्वपूर्ण है। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते है। पानी कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और वसा की तरह ही पोषण का काम करता है। पानी हमारे घुटनों, कलाई और सभी अंतरंग भागों की चिकनाई के साथ-साथ जोड़ों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस लेख में पानी के महत्व और उससे जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं। जल हमारे अनेक काम में काम आता है जैसे-कपडे धोने के लिए,स्नान करने के लिए,बर्तन साफ़ करने के लिए,भोजन बनने के लिए आदि। पृथ्वी हर छोटे से बड़े प्राणी को जल की बहुत आवयश्कता है। जल के बिना हम ५ दिन भी जिन्दा नहीं रहे सकते है। जल हमारी पृथ्वी का लगभग ७५% घेरा हुआ है। परन्तु ये जल व्यर्थ है क्योकि ये खारा जल है। हमारी पृथ्वी पे सिर्फ ३% जल ही हमारे कार्य योग्य है। आज के उपभोक्तावादी युग में जल का प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय के रूप में स्वीकृत हो रहा है। पुरातन युग में विशेष जल का प्रबंध धार्मिक अनुष्ठानों को सफल और पूर्ण करने का एक अनिवार्य कारक था। प्राचीन युग में जीवन यापन में जल की व्याख्या संभवतः जल की अधिकता के कारण अवर्णनीय रह गयी। हिन्दू धर्म ग्रंथों में जल के महत्व और महात्म अनेक व्याख्याएँ एवं कथाएँ उपलब्ध हैं। मनुष्य ने जल को दूषित करना प्रारम्भ पर दिया है। मनुष्य सिर्फ अपने लाभ की वझे से इससे बर्बाद करने पे तुला हुआ है। हमें प्राण लेना चाइये की हम इससे कभी भी बर्बाद न करे।
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जल का महत्व
जल, मानव जाति के लिए प्रकृति के अनमोल उपहारों में से एक है। मानव शरीर में दो तिहाई मात्रा पानी की है। इससे स्पष्ट है कि जल का हमारे जीवन में कितना महत्व है। पृथ्वी के हर जीव के लिए जल की बहुत आवश्यकता होती है। पेड़-पौधों के लिए भी जल की बहुत आवश्यकता होती है। जल तरल, ठोस एवं गैस रूप में विद्यमान होता है।
जल जीवन का सबसे आवश्यक घटक है और जीविका के लिए महत्वपूर्ण है। यह समृद्र, नदी, तालाब, पोखर, कुआं, नहर इत्यादि में पाया जाता है। हमारे दैनिक जीवन में जल का बहुत महत्व है। हमारा जीवन तो इसी पर निर्भर है। यह पाचन कार्य करने के लिए शरीर में मदद करता है और हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। यह हमारी धरती के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह हमारे जीवन की गुणवत्ता निर्धारित करने में महत्वपूर्ण घटक है और एक सार्वभौमिक विलायक है।
जल के बिना हमारे जीवन की कल्पना करना भी कठिन है। परन्तु विडंबना है कि जल के महत्व को समझते हुए भी मनुष्य ने इसे दूषित करना प्रांरभ कर दिया है। जल-प्रदूषण और जल की बर्बादी के परिणामस्वरूप अब हमारे पीने के लिए ही शुद्ध जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिसके दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं हैं। यह भविष्य के लिए कदापि उचित नहीं है। जल जीवन के अमृत के रूप में जाना जाता है। इसलिए जीवन को बचाने के लिए पानी का संरक्षण अति आवश्यक है।
जल, मानव जाति के लिए प्रकृति के अनमोल उपहारों में से एक है। मानव शरीर में दो तिहाई मात्रा पानी की है। इससे स्पष्ट है कि जल का हमारे जीवन में कितना महत्व है। पृथ्वी के हर जीव के लिए जल की बहुत आवश्यकता होती है। पेड़-पौधों के लिए भी जल की बहुत आवश्यकता होती है। जल तरल, ठोस एवं गैस रूप में विद्यमान होता है।
जल जीवन का सबसे आवश्यक घटक है और जीविका के लिए महत्वपूर्ण है। यह समृद्र, नदी, तालाब, पोखर, कुआं, नहर इत्यादि में पाया जाता है। हमारे दैनिक जीवन में जल का बहुत महत्व है। हमारा जीवन तो इसी पर निर्भर है। यह पाचन कार्य करने के लिए शरीर में मदद करता है और हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। यह हमारी धरती के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह हमारे जीवन की गुणवत्ता निर्धारित करने में महत्वपूर्ण घटक है और एक सार्वभौमिक विलायक है।
जल के बिना हमारे जीवन की कल्पना करना भी कठिन है। परन्तु विडंबना है कि जल के महत्व को समझते हुए भी मनुष्य ने इसे दूषित करना प्रांरभ कर दिया है। जल-प्रदूषण और जल की बर्बादी के परिणामस्वरूप अब हमारे पीने के लिए ही शुद्ध जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिसके दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं हैं। यह भविष्य के लिए कदापि उचित नहीं है। जल जीवन के अमृत के रूप में जाना जाता है। इसलिए जीवन को बचाने के लिए पानी का संरक्षण अति आवश्यक है।
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