Hindi, asked by malasinha05091989, 10 days ago

54. वर्ष 1922 में श्रील प्रभुपाद अपने अध्यात्मिक गुरु श्री श्रीमद् भक्ति सिद्धांत सरस्वती ठाकुर से कोलकाता, पश्चिम बंगाल में मिले। पहली ही भेट में उनके गुरु ने उन्हें आदेश दिया, “तुम एक पढ़े लिखे नवयुवक हो। तुम भगवान चैतन्य महाप्रभु के सन्देश का दुनिया भर में प्रचार क्यों नहीं करते? ११ क. प्रामाणिक आध्यात्मिक गुरु के पास जाना ग. नम्रता ख. शक्ति ​

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Answered by gamergreat219
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क. प्रामाणिक आध्यात्मिक गुरु के पास जाना

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