Hindi, asked by 9667767107, 3 months ago

56. आचार्य शुक्ल ने काव्य की आत्मा किसे माना है
(A) रस
(B) अलंकार
(C) व्यंग
(D) भाव​

Answers

Answered by technoshark510
4

Answer:

(a) रस

Explanation:

u r writing it in online exams

Answered by shishir303
0

आचार्य शुक्ल ने काव्य की आत्मा किसे माना है

(A) रस

(B) अलंकार

(C) व्यंग

(D) भाव​

सही विकल्प हैं...

(A) रस

व्याख्या :

आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने काव्य की आत्मा रस को माना है। कविता के आरंभ काल में ही काम कविता के स्वरूप को समझने का प्रयास कई विद्वानों ने किया है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल उन्हीं विद्वानों में से एक हैं। उन्होंने रस को काव्य की आत्मा माना है।

काव्य की व्याख्या करते समय काव्य के 6 अवयव बताए गए हैं। काव्य के इन 6 अवयवों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है। एक भाग भाव पक्ष से संबंधित है, जिसमें काव्य के रस, कथ्य और विचार दृष्टि आते हैं, जबकि दूसरा भाग कला पक्ष से संबंधित होता है जिसमें भाषा शैली और अलंकार समाहित हैं।

#SPJ2

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