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6. निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :-
घर और गाँव के लड़के जमा हो गए और तालियाँ बजा-बजाकर
उनका स्वागत करने लगे। गाँव के इतिहास में यह घटना अभूतपूर्व न होने पर
भी महत्वपूर्ण थी। बाल सभा ने निश्चय किया दोनों पशु-वीरों को
अभिनन्दन पत्र देना चाहिए। कोई अपने घर से रोटियाँ लाया, कोई गुड,
कोई चोकर, कोई भूसी।
एक बालक ने कहा- ऐसे बैल किसी के पास न होंगे। दुसरे ने समर्थन
किया, इतनी दूर से दोनों अकेले चले आए। तीसरा बोला – बैल नहीं है, वे
उस जन्म के आदमी है। इसका प्रतिवाद करने का किसी को साहस न हुआ।
Answers
निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए :-
प्रसंग: यह गद्यांश हीरा और मोती दो बैलों की कहानी से लिया गया है | यह कहानी मुंशी प्रेम चंद की कहानी है |
प्रस्तुत कहानी में लेखक ने मनुष्य तथा पशु के भावनात्मक सम्बन्धों को हीरा और मोती दो बैलों के माध्यम से व्यक्त किया है। झूरी नामक किसान के पास हीरा और मोती नाम के दो बैल थे | दोनों का हमेशा साथ रहना और एक दूसरे के लिए प्यार और चिन्ता देखकर बहु उनकी दोस्ती का पता चलता था |
व्याख्या: हीरा और मोती दोनों बैलों जब भाग कर अपने घर आ जाते है | तब झूरी उन्हें देखकर बहुत खुश होता है | सभी घर वाले और गांववाले मिलकर तालियाँ बजा कर उनका स्वागत करते है | बच्चों ने मिलकर निश्चय किया कि दोनों पशु-वीरों को अभिनन्दन पत्र देना चाहिए | दोनों बैल बहादुरी से , हिम्मत से लड़ कर अपने घर वापिस आ गए थे | बच्चे अपने घर से रोटियां लाकर उन्हें खिला रहा था और कोई उन्हें गुड़ , कोई चोकर , कोई घास खिला रहा था | एक बालक न एख ऐसे साहस वाले बैल किसी और के पास नहीं होगें | यह इतनी दूर से अकेले वापिस चले आए | यह बैल नहीं है , यह जन्म से आदमी है | इन्हें रोकने का साहस कोई नहीं कर पाया |