Hindi, asked by mansimalhotra115, 7 months ago

6 अभ्यास का महत्त्व' विषय पर अनुच्छेद लिखिए।

Answers

Answered by shivakumar0820
6

Answer:

mark me brainlinest

Explanation:

अभ्यास एक कला है। अभ्यास के बल पर असंभव काम को भी संभव किया जा सकता है।जिस प्रकर जन्म के बाद एक छोटा बच्चा बार बार बोली जाने वाली बात को सुन कर स्वयं ही अपने मस्तिष्क में उन शब्दों का अभ्यास कर उन्हें बोलना सीख लेता है ।उसी प्रकार कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के कार्य को कार्यान्वित करने के लिए बिना अभ्यास सफल नहीं हो सकता ।

अपने काम के प्रति पूर्ण समर्पण का भाव भी अभ्यास बिना सम्भव नहीं ।

उदाहरण के तौर पर दर्जी तभी निपुणता से वस्त्र की सिलाई सरलता पूर्वक कर सकता है जब वह निरन्तर अभ्यास रत हो। कक्षा मे अध्यपीका द्वारा सम्पादित करवाये गये कार्य को यदि विद्यार्थी गृह कार्य के रूप में अभ्यास न करें तो त्रुटी रहित कार्यों के समापन का होना कठिन होगा ।

सारांश यह है कि निरन्तर अभ्यास कम कुशल और कुशल व्यक्ति को पूर्णतया पारंगत बना देता है । अभ्यास की आवश्यकता शारीरिक और मानसिक दोनों कार्यों में समान रूप से पड़ती है । लुहार, बढ़ई, सुनार, दर्जी, धोबी आदि का अभ्यास साध्य है । ये कलाएं बार-बार अभ्यास करने से ही सीखी जा सकती हैं ।

किसी ज्ञानीजन ने कहा है कि

*करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान ।रसरी आवत-जात के, सिल पर परत निशान ।।*

जिस प्रकार बार-बार रस्सी के आने जाने से कठोर पत्थर पर भी निशान पड़ जाते हैं, उसी प्रकार बार-बार अभ्यास करने पर मूर्ख व्यक्ति भी एक दिन कुशलता प्राप्त कर लेता है ।

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