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अपने नगर के समाचार-पत्र संपादक को एक पत्र लिखकर मोहल्ले में चल रही जुआखोरी को जानकारी दें
7. जन्मदिन पर मामा जी द्वारा भेजे गए उपहार के लिए उनका आभार प्रकट करते हुए पत्र लिखिए।
4. विद्यालय छोड़ने का प्रमाण पत्र (एस.एल.सी.) लेने के लिए प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए।
पा पत्र लिखिए जिसमें प्रात:कालीन सैर के लाभों का वर्णन किया गया हो।
5. अपने विद्यालय के वार्षिकोत्सव का वर्णन करते हुए अपनी सखी को पत्र-लिखिए।
Answers
Explanation:
5 The simple interest on a sum of money for 2 years at 12% per annum is 1380. Fi
(i) the sum of money.
(ii) the compound interest on this sum for one year payable half-yearly at the same
rate.
Answer:
Since there are so many questions i could not answer all of them but i tried my best to solve it(•‿•)
Explanation:
7. बि आर सी कैन्ट ,
दानापुर, पटना
तिथि- ०८ ८ १९
मेरे प्यारे मामा जी,
आपको मेरा नमन/ प्रणाम। मैं यहाँ कुशल से हूँ आशा करती हूँ की आप सभी भी कुशल होंगे । मै आपके भेजें
हुए तोफहे से बहुत खुश हूँ ।
आप हमेशा मुझे प्रोत्साहित करने के लिए बहुत ही सुन्दर और उपयोगी तोफहे भेजते हैं । जो मेरे पढ़ाई के लिए बहुत उपयोगी है ।अब अगली बार फिर से मेरे लिए बहुत अच्छा किताब भेजिए गा। मैं आपके अगले तोफहे का इंतजार कर रही हूँ ।
घर में बड़ो को प्रणाम और छोटे को प्यार बोल दीजिए गा।
आपकी भांजी
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5. 20, मालरोड,
शिमला I
दिनांक 29.10.2018
प्रिय मित्र सुरेश,
सप्रेम नमस्ते I
कल मुझे तुम्हारा पत्र मिला तथा जानकर खुशी हुई कि तुम्हारा पूरा परिवार कुशल है। आपने पत्र में मेरे विद्यालय के वार्षिक उत्सव का उल्लेख किया था। जिसके बारे में मैं आपको बताता हूं-
जैसा कि मैंने आपको पिछली पत्र में कहा था कि हमारे विद्यालय के वार्षिक उत्सव की तैयारियां एक महीना पहले से ही शुरू हो गई थीं। हमारे विद्यालय के संस्कृत अध्यापक को वार्षिक उत्सव की तैयारियों का इंचार्ज बनाया गया था। सभी विद्यार्थियों को अलग अलग प्रस्तुति देने के लिए तैयार किया गया जिसमें से कुछ को कविताएं, भाषण, गीत तथा देश भक्ति के नाटक की तैयारी की गई।
हमारे राज्य के राज्यपाल महोदय वार्षिक उत्सव के मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम सुबह ठीक 10:00 बजे प्रारंभ हुआ, जैसे ही मुख्य अतिथि महोदय विद्यालय के द्वार पर पहुंचे तो विद्यार्थियों ने संस्कृत गीत गाकर के उनका स्वागत किया। फिर मुख्य अतिथि महोदय ने दीप जलाकर उत्सव का प्रारंभ किया। हमारी विद्यालय के प्राचार्य महोदय ने उनको शाल और टोपी भेंट करके सम्मानित किया। विद्यार्थियों के अलग अलग कार्यक्रम प्रस्तुत हुए जिसमें से देश भक्ति के ऊपर नाटक ने सबका मन मोह लिया। दर्शकों की तालियों से हमारा उत्साह बढ़ रहा था। इसके पश्चात मुख्य अतिथि महोदय ने विद्यार्थियों को पुरस्कार दिए जिसमें स्वच्छता, उपस्थिति, पढ़ाई और खेलों में उत्तम प्रदर्शन करने वाले छात्र शामिल थे।
अंत में मुख्यातिथि महोदय ने अपना भाषण दिया और स्कूल प्रबंधन की सराहना की। और बच्चों को अपना भविष्य उज्जवल बनाने के लिए निरंतर पढ़ाई करने की सीख दी।
उम्मीद है कि आपको यह पत्र पढ़कर के अच्छा लगेगा और पत्रकार जवाब जरूर देना कि आप को हमारा वार्षिक उत्सव कैसा लगा।
पूज्य मातापिता जी को चरण-बंदना कहना I
आपका प्रिय मित्र,
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