Social Sciences, asked by sm0402040, 6 months ago

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बहुपिकल्पीय
प्रश्न-
प्र03) मानव जाति के लिए निम्न में से कौन सा स्वच्छ जल
का प्राकृतिक स्रोत है
1) भूमिगत जल
2; वर्षा का जल
3सतही जल
4) उक्त सभी
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Answers

Answered by Kalpanabeniwal
3

Answer:

बल्कि उसका प्रयोग आगे करें।

5. बर्तनों को डिश वाशर में साफ करने से पहले उनको अच्छी तरह रगड़ लें, न कि उनको धोएँ।

6. बचे हुए खाने को कूड़ेदान में डालकर कम्पोस्ट बनाने के लिये उपयोग करें।

7. केवल काफी सारे कपड़े एकत्र करके लांड्री में धोयें या कपड़े धोने की मशीन की क्षमता के अनुसार ही कपड़े धोयें।

नोट : जिन घरों में उच्च क्षमता वाले नलके फिट हों एवं पानी बचाने के उपकरण लगे होते हैं, इन उपकरणों से घर के अंदर 30 प्रतिशत पानी की बचत होती है एवं पानी सीवर एवं बिजली के बिलों में भी आंशिक रूप से बचत होती है।

1. जलवायु के आधार पर घर में उपयोग किए पानी का 75% बदलते मौसम में घर से बाहर उपयोग होता है।

2. सिंचाई के उपकरणों में सभी लीकों को जाँच लें एवं मरम्मत करवा लें।

3. जहाँ तक संभव हो, बेकार पानी को सिंचाई के उपयोग लायें।

4. बगीचे या लॉन में केवल ठंडे मौसम में ही पानी डालें। (सुबह-सुबह का मौसम अच्छा होता है।) हवा चलते समय पौधों में पानी नहीं डालना चाहिए।

5. बड़े पौधों एवं झाड़ियाँ जिनमें गहरा जड़ तंत्र पाया जाता है, में पानी काफी समय के अन्तराल पर डालें एवं कम गहरे जड़ तंत्र वाले पौधों में लगातार उनकी आवश्यकतानुसार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में जल डालें। अपने क्षेत्र में पानी की आवश्यकताओं की जानकारी स्थानीय विस्तारण सेवा से प्राप्त करते रहें।

6. केवल बगीचों या लॉन में फव्वारों का प्रयोग करें, सड़कों या फुटपाथ पर नहीं करना चाहिए।

7. बड़े पौधों या झाडि़यों को पानी देने के लिये हॉज या ट्रिकल सिंचाई तंत्र से पानी दें।

8. टॉयलेट में लीकेज हो रही है।

9. वाष्प सेंसर या झरना प्रणाली को लगायें।

10. झाडि़यों के चारों ओर मल्च लगायें एवं बगीचे के पौधों से उद्वाष्पन कम करने के लिये मृदा की सतह एवं उसके चारों ओर उगी खरपतवार को काटते रहें।

11. उर्वरकों का कम या बिल्कुल प्रयोग न करें जिससे नई वृद्धि तकनीकों को बढ़ावा देने के लिये अतिरिक्त पानी की आवश्यकता पड़े।

12. उस पानी का प्रयोग न करें जिसमें ब्लीच, स्वचालित डिश-वाशिंग डिटरजेंट या सिंचाई के लिये रेशे कोमल करने वाला पदार्थ मिला हो।

1. कम प्रवाह से निकलने वाले फॉसेट एवं शॉवर जैसे उपकरण लगवायें।

2. ऐसी उच्च क्षमता वाली वाशिंग मशीन खरीदें जिसमें 50 प्रतिशत ऊर्जा एवं पानी की बचत होती है।

3. रिसाव वाले सभी भागों की मरम्मत करवाएँ। टॉयलेट में रिसाव प्रतिदिन 1000 लीटर पानी को व्यर्थ कर सकता है। इसकी जानकारी हेतु अपने टॉयलेट के पानी वाले हिस्से में रंगीन पदार्थ डालकर इन रिसावों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

बाह्य उपयोग

1. बाहरी स्थानों, सड़क के किनारों एवं रास्तों को पानी से साफ करने के लिये हौज पाइपों के स्थान पर उन्हें झाडू़ से साफ करें।

2. गाड़ी को साफ करते समय बाल्टी में पानी भरकर उपयोग में लाना चाहिए या व्यापारिक स्तर पर कार धोने का उपयोग करें जिससे पानी का पुनः चक्रण हो सके।

3. जब टंकी या हौज में पानी भरना हो तो उसमें जल प्रवाह को नियंत्रित करने के लिये स्वचालित बटन लगवायें।

4. जिन खिलौनों में लगातार पानी की आवश्यकता होती है, उन मनोरंजन करने वाले खिलौनों को न खरीदें।

5. पानी बचाने वाले तरण-ताल फिल्टर (Swimming pool filter) को खरीदने के विषय में सोचें।

6. नहाने के तालाब को वाष्पीकरण के दौरान अच्छी तरह से ढक कर रखें, जब उसे प्रयोग में नहीं लाया जा रहा हो।

7. उन सजावटी जल-विशिष्टताओं वाली वस्तुओं का प्रयोग नहीं करें या नहीं खरीदें जिससे पानी का पुनःचक्रण नहीं हो सकता हो। लोगों को यह चिह्न दिखाओ कि पानी को पुनःचक्रित किया जा सकता है। सूखे के समय उसका प्रयोग न करें।

पाठगत प्रश्न 28.3

1. प्रत्येक में पानी बचाने वाले दो तरीकों को बतायें:

(क) बाथरूम में (ख) रसोईघर में

2. पानी के न्यायोचित उपयोग के कोई अन्य दो तरीकें बतायें जबकि आप बागवानी एवं भूदृश्य संबंधी काम कर रहे हैं।

3. पानी के दो अन्य न्यायोचित उपयोगों को बताइये।

28.4 कृत्रिम पुनःआवेश (ARTIFICIAL RECHARGE)

जल की बढ़ती मांग ने भूजल आपूर्ति संवर्द्धन के कृत्रिम पुनःभरण के विषय में जागरुकता को बढ़ा दिया है। साधारण शब्दों में, कृत्रिम पुनःभरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सतही जल का अधिकतम भाग सीधे जमीन के अन्दर या तो उसे जमीन पर फैलाकर अथवा पुनर्भरण कुओं का उपयोग अथवा प्राकृतिक दशाओं से ज्यादा निस्यंदन द्वारा कराया जाता है। दूसरे शब्दों में, जलभृत का भरण करना पुनःभरण का सम्बन्ध में जल की गति मनुष्य द्वारा निर्मित उस प्रणाली से है जिसमें सतही पानी को भूमि के अन्दर अथवा नीचे सुरक्षित रखा जाता है। कृत्रिम पुनःभरण (कभी-कभी योजनाबद्ध पुनर्भरण कहते हैं) एक ऐसा तरीका है जिसमें जल को भूमि के नीचे संग्रहित किया जाता है ताकि जल की कमी के समय इस जल को उपयोग में लाया जा सके।

28.4.1 सीधे कृत्रिम पुनर्भरण द्वारा

(क) फैले हुए बेसिन द्वारा (Spreading basins)

इस पद्धति में जमीन पर हौज बनाकर उसमें पानी को फैला (भर) दिया जाता है ताकि इसे मौजूदा भू-भाग में खुदाई कर प्राप्त किया जा सके। प्रभावी कृत्रिम पुनःभरण करने के लिये अच्छी गुणवत्ता की मृदा का होना आवश्यक है एवं पानी की परतों में अच्छी तरह रख-रखाव किया जा सके, जब आवश्यक हो।

(ख) पुनर्भरण गर्त एवं शॉफ्ट (Recharge pit and shaft)

ऐसी दशायें जो कृत्रिम पुनःभरण के लिये सतह फैलाव विधियों के प्रयोग करने की स्थिति हो, बहुत ही दुर्लभ बात है। अक्सर कम पारगम्यता के क्षेत्रों में भूमि की सतह और जल ता

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