6. चींटियों को सुलेमान ने क्या कह कर धीरज बंधाया ?
O मैं मुसीबत नहीं मोहब्बत हूँ , रखवाला हूँ
O मैं तुम्हे कुछ नहीं कहूंगा ,
O मैं तुम्हारा रखवाला हूँ
O मैं रखवाला हूँ
Answers
chitiyon ko suleman ne yah kahkar dhiraj badhaya ki mein musibat nahin mohabbat hun rakhvala hun
Answer:
O मैं मुसीबत नहीं मोहब्बत हूँ , रखवाला हूँ
Explanation:
सुलेमान कौन थे?
सुलैमान (९६१-९२२ ई. पू.) इब्राहीमी धर्मों के अनुसार यहूदियों के राजा दाउद और बेथसाबे का पुत्र। उन्हें एक नबी तथा इस्लाम में एक पैगम्बर का दर्जा प्राप्त है ।
मैं मुसीबत नहीं मोहब्बत हूँ , रखवाला हूँ:
सुलेमान के लश्कर के साथ गुज़रते हुए जब चींटियों ने उनके घोड़ों के टापों की आवाजें सुनीं तो वे डर गईं। उनका भय दूर करने के लिए सुलेमान ने कहा, डरो मत, सुलेमान को खुदा ने सबकी रक्षा के लिए बनाया है। वह सबके लिए मुहब्बत है। ऐसा कहकर सुलेमान ने चींटियों का भय या डर दूर किया।
सुलेमान ने चींटियों से कहा कि वे सबकी रखवाली करने के लिए हैं। किसी को नुकसान न पहुंचकर सबके लिए मुहब्बत हैं। अरब में लशकर को नूह के नाम से इसलिए याद करते हैं क्योंकि वे हमेशा दूसरों के दुःख में दुखी हो जाते थे। नूह को पैगम्बर या ईश्वर का दूत भी माना गया है.