6.
चलो अभिनय करें
कहानी में से चुनकर कुछ संवाद नीचे दिए गए
हैं।
उन संवादों को अभिनय के साथ बोलकर दिखाओ।
(क) चित्रकार महोदय हाथ में कूची पकड़े-आँखें
नचा-नचाकर, मटक-मटककर बोल रहे थे,
अरे चमगादड़, तुझे क्या खाक शायरी करना
आता है। ज़बरदस्ती ही तुझे यह पार्ट दे दिया।
तूने सारा गड़बड़ कर दिया।"
(ख) मोहन बोला, “मेरा तो दिल बहुत जोरों से ध
UTAN
ड़क रहा है।"
(ग) राकेश पहुँचते ही एक कुर्सी पर बैठते हुए बोला, “आज मुझे अस्पताल में हाथ पर पट्टी बंधवाने
में देर हो गई, तो तुमने इस तरह 'रिहर्सल' की है। ज़ोर-ज़ोर से लड़ने लगे।"
(घ) चित्रकार महोदय ने हाथ उठाकर कहा, “देख, मुँह सँभालकर बोल।"
शब्दों का फेर
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चित्रकार महोदय हाथ में कूची पकड़े-आँखें
नचा-नचाकर, मटक-मटककर बोल रहे थे,
अरे चमगादड़, तुझे क्या खाक शायरी करना
आता है। ज़बरदस्ती ही तुझे यह पार्ट दे दिया।
तूने सारा गड़बड़ कर दिया।"
मोहन बोला, “मेरा तो दिल बहुत जोरों से ध
UTAN
ड़क रहा है।"
राकेश पहुँचते ही एक कुर्सी पर बैठते हुए बोला, “आज मुझे अस्पताल में हाथ पर पट्टी बंधवाने
में देर हो गई, तो तुमने इस तरह 'रिहर्सल' की है। ज़ोर-ज़ोर से लड़ने लगे।"
(घ) चित्रकार महोदय ने हाथ उठाकर कहा, “देख, मुँह सँभालकर बोल।"
शब्दों का फेर
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