6. "जीवन की सफलताएं उस वीर का वरण करती हैं, जो स्वयं पृथ्वी खोदकर पानी निकाल कर अपनी तृष्णा शांत करने की
क्षमता रखता है।" इस का तात्पर्य है ?
पृथ्वी खोद कर पानी निकाल कर पीना।
(ii) अपने परिश्रम के बल पर अपने लक्ष्य की प्राप्ति मे संदेह करना।
दूसरों की मेहनत से अपना फायदा उठाना।
(iv) वीर भोग्या : वसुंधरा।
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iv) वीर भोग्या : वसुंधरा।
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iv) वीर भोग्या : वसुंधरा।a dbnqjw8ksjwj8qjw6. "जीवन की सफलताएं उस वीर का वरण करती हैं, जो स्वयं पृथ्वी खोदकर पानी निकाल कर अपनी तृष्णा शांत करने की
क्षमता रखता है।" इस का तात्पर्य है ?
पृथ्वी खोद कर पानी निकाल कर पीना।
(ii) अपने परिश्रम के बल पर अपने लक्ष्य की प्राप्ति मे संदेह करना।
दूसरों की मेहनत से अपना फायदा उठाना।
(iv) वीर भोग्या : वसुंधरा।
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