Geography, asked by shubhajeetsarkar7561, 4 months ago

6. कारण बताएं
i. किनारों पर समुद्री तरंगों का प्रभाव अधिक होता है
ii. अनेक देशों में पानी की समस्या है।​

Answers

Answered by aarushi2966
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Answer:

हम काफ़ी दिनों से सुन रहे हैं कि धरती गर्म हो रही है. जलवायु परिवर्तन हो रहा है. पर्यावरण में तेज़ी से बदलाव आ रहा है. इस वजह से जल्द ही ध्रुवों पर जमी बर्फ़ पिघलेगी. इससे समुद्र में पानी बढ़ेगा.

समंदर किनारे बसे शहर, छोटे-छोटे द्वीप डूब जाएंगे. मुंबई, कोलकाता, चेन्नई के समुद्र तट वीरान हो जाएंगे. न्यूयॉर्क, सिडनी और मयामी के ख़ूबसूरत समंदर किनारे, पानी में डूब जाएंगे.

अपने पसंदीदा समुद्री तट के ऐसे पानी में डूबने का तसव्वुर डराता है. मगर पर्यावरण की निगरानी करने वाले वैज्ञानिक काफ़ी वक़्त से ऐसे हालात के बारे में आगाह कर रहे हैं. वो कहते हैं कि समुद्र में पानी तेज़ी से बढ़ रहा है. इस दावे को मज़बूत बनाने के लिए वो कई सबूत होने का दावा भी करते हैं.

अगर ऐसा हो रहा है तो आख़िर समंदर का स्तर कितना ऊंचा उठ सकता है? इससे समुद्र के क़रीब रहने वालों पर क्या असर पड़ेगा?

पहले-पहल बीसवीं सदी की शुरुआत में वैज्ञानिकों की नज़र समुद्रों में पानी बढ़ने की तरफ़ गई थी. 1941 में जर्मन मूल के अमरीकी वैज्ञानिक बेनो गुटेनबर्ग ने समुद्र की लहरों, पानी के स्तर को मापा था. तभी उन्हें लगा था की समंदर के अंदर कुछ तो गड़बड़ हो रही है. समंदर में आने वाले ज्वार भाटा के क़रीब सौ साल के आंकड़ों का हिसाब लगाया गया तो गुटेनबर्ग का शक सही निकला. पिछले सौ सालों से समुद्र का स्तर बढ़ रहा था.

Answered by sannibaraik622
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Answer:

. किनारों पर समुद्री तरंगों का प्रभाव अधिक होता है

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