6. किसी समबाहु त्रिभुज की एक भुजा की लम्बाई 2a सेमी होने पर इसका
क्षेत्रफल वर्ग सेमी में निम्नांखित में से कौन-सा होगा?
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Answer:
गुण
समबाहु त्रिभुज की सभी भुजाएं समान होती हैं।
सभी अंतः कोण समान होते है।
किसी भी भुजा का लम्बार्द्धक सम्मुख कोण को समद्विभाजित करता है।
किसी भी शीर्ष से सम्मुख भुजा पर डाला गया लम्ब उस भुजा को समद्विभाजित करता है।
समबाहु त्रिभुज का केन्द्रक (सेन्ट्रॉड), अन्तःकेन्द्र incentre), परिकेन्द्र (circumcenter), लम्बकेन्द्र (orthocentre) सब एक ही बिन्दु पर होते हैं।
प्रमुख सूत्र
माना कि समबाहु त्रिभुज की भुजा की लम्बाई a है, बौधायन प्रमेय का उपयोग करने पर हमे निम्न मान प्राप्त होते हैं:
समान प्रतिच्छेदी
त्रिभुज में तीन प्रकार की प्रतिच्छेदी रेखायें होती हैं जो समबाहु त्रिभुज में समान होती हैं।[8]
तीनों ऊँचाइयाँ समान लम्बाई की है।
तीनों माध्यिकाओं की लम्बाई समान होती है।
तीनों कोण समद्विभाजकों की लम्बाई समान होती है।
अंतर्वृत्त त्रिभुज का केन्द्र
समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक त्रिभुज केन्द्र इसके केन्द्रक के साथ सन्निपतित होता हैं और कुछ त्रिभुज केन्द्रों के सन्निपतित होना इसकी उपपत्ति के लिए पर्याप्त है कि त्रिभुज समबाहु है। विशेष रूप से यदि परिवृत्त केन्द्र, अंतर्वृत्त केन्द्र, केन्द्रक, लम्ब केन्द्र आदि में से कोई दो सन्निपतित होते हैं तो वह त्रिभुज समबाहु त्रिभुज है।[9][1]
माध्यिकाओं के विभाजन से निर्मित त्रिभुज
किसी भी त्रिभुज के लिए, तीनों माध्यिकाओं के विभाजन से छः छोटे त्रिभुज बनते हैं।
एक त्रिभुज समबाहु है यदि और केवल यदि तीन छोटे त्रिभुज या तो समान परिमाप रखते हैं अथवा समान अंतर्वृत्त त्रिज्या।[10]:प्रमेय 1
एक त्रिभुज समबाहु है यदि और केवल यदि किन्हीं तीन छोटे वृत्तों के परिवृत्तों के केन्द्र केन्द्रक से समान दूरी पर हों।[10]:उपप्रमेय 7
ज्यामितिय रचना
परकार और पटरी की सहयता से समबाहु त्रिभुज का निर्माण
एक समबाहु त्रिभुज की रचना निर्मेय के साथ आसानी से की जा सकती है। इसके लिए एक सीधी रखा खींचो और परकार का एक छोर रेखा के अन्त में रखो, अब प्रकार के दूसरे छोर को रेखा के दूसरे बिन्दु अन्त तक बढ़ाओ और एक चाप के रूप में परकार को घुमाओ। समान प्रक्रिया दूसरे बिन्दु पर भी दोहराओ। अन्ततः इस रेखा के दोनों अन्त बिन्दुओं को चापों के काट बिन्दु से सीधे जोडो।
वैकल्पिक विधि:
एक वृत्त का निर्माण करो जिसकी त्रिज्या r है, इस वृत्त के किसी भी बिन्दु पर परकार की सुई रखो और समान त्रिज्या का दूसरा वृत्त बनाओ। दोनो वृत्त दो बिन्दुओं पर एक दूसरे को काटते हैं। इन दोनों बिन्दुओं में से किसी एक को दोनो वृत्तों के केन्द्रों से मिलाने तथा दोनों वृत्तों के केन्द्रों को आपस में मिलाने पर समबाहु त्रिभुज प्राप्त होता है।
इसकी उपपत्ति की यह त्रिभुज समबाहु होगा यूक्लिडिय अवयव की पुस्तक के प्रथम भाग में मिल सकता है।
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