Hindi, asked by as6291503163, 1 month ago

6
करत-करत अभ्यास ते, जड़मति होत सुजान" ka bhav vistar kijiye​

Answers

Answered by n0171mpsbls
0

Answer:

एक बार की हार या जड़ता की अनुभूति से बैठे रहने वाले साधनों की सुलभता में भी सफल नहीं हुआ करते। करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान रसरी आवत जात ते, सिल पर पड़त निसान। अर्थात् कुएँ के पत्थर पर बार-बार रस्सी को खींचने से निशान पड़ जाते हैं, इसी प्रकार बार-बार अभ्यास करने से मूर्ख व्यक्ति भी बुद्विमान हो सकता है

Similar questions