Hindi, asked by sandeep559113, 8 months ago

6.
कविता
के
दिए
गए
अंश
को
पढ़कर
प्रश्नों
के
उत्तर
दीजिए-
कभी एक ग्रामीण धरे कंधे पर लाठी
सुख-दुख की मोटी-सी गठरी
लिए पीठ पर भारी
जूते फटे हुए
जिनमें से झाँक रही गाँवों की आत्मा
जिंदा रहने के कठिन जतन में
पाव बढ़ाए आर्ग जाता।
घर की खपरैलों के नीचे
चिड़ियाँ भी दो-चार चोंच खोल
उड़ती-छिपती थीं
खुले हुए आँगन में फैली
कड़ी धूप से।
(क) ग्रामीण ने कंधे पर क्या उठाया हुआ था?
ख) ग्रामीण पाँव आगे क्यों बढ़ाता जा रहा था?
(ग) चिड़ियाँ किस कारण से और कहाँ उड़ती-छिपती थीं?​

Answers

Answered by deeppratap
2

Explanation:

ग्रामीण कंधे पर ग्रामीण कंधे पर लाठी उठा रखी थी जिंदा रहने की कठिन चेतन में ग्रामीण था चिड़िया धूप के कारण और की और छुट्टी है

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