6. मोबाइल फोन आज बचपन को खा रहा है इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए
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मोबाइल फ़ोन आज बचपन को खा रहा है:-
बचपन मे हम जानते भी नहीं थे की यह "मोबाइल फ़ोन" क्या होता है लेकिन अब २०२० में हमने तो उल्टा ही कर दिया पहले - "मोबाइल फ़ोन" क्या होता है और अब - "बचपन" क्या होता है।
मोबाइल फ़ोन ने सच में हमारा बचपन खा लिया। बचपन मे हम मोबाइल फ़ोन कभी-कभी बस इस्तेमाल करते थे वो भी सिर्फ १ चित्र (फ़ोटो) के लिए। फिर हमको कोई मतलब नही होता था फ़ोन से हम दिन-रात बाहर अपने दोस्त/सहेलियों/माता-पिता/सह-परिवार के साथ सारा वक़्त बिताते थे और अब इस मोबाइल फ़ोन के ज़माने में परिवार क्या होता है वह ही भूले बैठे है। यहाँ तक कि माता-पिता सामने बैठे है लेकिन हमको तो बस अपना फ़ोन सामने चाहिए आगे क्या है क्या नही है कुछ नही पता होता।
मैं यह नहीं कह रही कि मोबाइल बुरी चीज़ है, अच्छी है, उसको तुम उपयोग भी करों लेकिन ज़्यादा फालतू कामों के लिए उपयोग मत करो। अभी तो फिलहाल इस कोरोना काल मे मोबाइल के द्वारा ही पढ़ाया जा रहा हैं (online classes) तो पढ़ो लेकिन ऐसा मत करो कि माता-पिता को बोले पढ़ाई कर रहे हो और करते कुछ और हो जैसे:- खेलना, दोस्तों से बातें करना, दोस्तों से बातें करना ठीक है लेकिन झूठ बोल कर नहीं (पढ़ाई के नाम पर बातें) ये गलत है।
अभी तो लोकडौन चल रहा है तो घर पर रहो और साथ ही अपने माता-पिता व भाई-बहन व दादा-दादी (परिवार) के साथ वक़्त बिताओ बचपन वापस जी सकते हो अगर आप अपने मोबाइल फ़ोन का कम से कम इस्तेमाल करें।