6) मुहावरे (1 से 10 तक) एक बार लिखकर याद कीजिये।
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भाषा को सशक्त एवं प्रवाहमयी बनाने के लिए लोकोक्तियों एवं मुहावरों का प्रयोग किया जाता है। वार्तालाप के बीच में इनका प्रयोग बहुत सहायक होता है। कभी-कभी तो मात्र मुहावरे अथवा लोकोक्तियों के कथन से ही बात बहुत अधिक स्पष्ट हो जाती है और वक्ता का उद्देश्य भी सिद्ध हो जाता है। इनके प्रयोग से हास्य, क्रोध, घृणा, प्रेम, ईर्ष्या आदि भावों को सफलतापूर्वक प्रकट किया जा सकता है।
लोकोक्तियों और मुहावरों का प्रयोग करने से भाषा में निम्नलिखित गुणों की वृद्धि होती है
(1) वक्ता का आशय कम-से-कम शब्दों में स्पष्ट हो जाता है।
(2) वक्ता अपने हृदयस्थ भावों को कम-से-कम शब्दों में प्रभावपूर्ण ढंग से सफलतापूर्वक अभिव्यक्त कर देता है।
(3) भाषा सबल, सशक्त एवं प्रभावोत्पादक बन जाती है।
(4) भाषा की व्यंजना-शक्ति का विकास होता है।
please mark me as brainleast
Answer:(1) वक्ता का आशय कम-से-कम शब्दों में स्पष्ट हो जाता है।
(2) वक्ता अपने हृदयस्थ भावों को कम-से-कम शब्दों में प्रभावपूर्ण ढंग से सफलतापूर्वक अभिव्यक्त कर देता है।
(3) भाषा सबल, सशक्त एवं प्रभावोत्पादक बन जाती है।
(4) भाषा की व्यंजना-शक्ति का विकास होता है।
Explanation: hopefully this helped u friend im from icsk too :) pls mark me as brainlist