Hindi, asked by mspriyadarshini722a, 1 month ago

6. निम्न लिखित पठित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तरों के सही विकल्प चुनकर लिखिए:-
देश हमारा, धरती अपनी, हम धरती के लाल ।
नया संसार बसाएंगे, नया ईसान बनाएंगे।
सुख - स्वप्नों के स्वर गूंजेंगे, मानव की मेहनत पूजेंगे,
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नयी कल्पना,
नयी चेतना की हम लिए मशाल
समय को राह दिखाएंगे
1. प्रस्तुत काव्यांश के रचनाकार है
क) केदारनाथ अग्रवाल ख) गिरिजाकुमार माथुर ग) शील घ) हरिवंशराय बच्चन
2. कवि समय को किस प्रकार की मशाल से राह दिखाना चाहता है ?
क) नई कल्पना ख) नई चेतना ग) नई कल्पना, नई चेतना घ) नई रोशनी
3. कवि ने नए संसार में किसकी पूजा करने की बात की है ?
क) मानव के सुख की ख) मानव की मेहनत की
ग) मानव की दौलत की घ) मंदिर की
4. नए संसार में किस प्रकार के स्वर गूंजेंगे-
क) सुख-दुःख के ख) कल्पना के ग) सुख- स्वपनों के घ) स्वर्गिक इच्छाओं के
5. कवि ने इस काव्यांश के माध्यम से क्या संदेश दिया है ?
क) आपसी भाई-चारे का
ग) संसार को समृद्धशाली बनाने की
ख) संसार मे मानवीय मूल्यों की स्थापना की घ) उपर्युक्त सभी सही है​

Answers

Answered by rachanashinde7a62
5

Answer:

हम धरती के लाल

शील

देश हमारा, धरती अपनी, हम धरती के लाल

नया संसार बसाएँगे, नया इंसान बनाएँगे।

सुख-स्वप्नों के स्वर गूँजेंगे, मानव की मेहनत पूजेंगे,

नयी कल्पना, नयी चेतना की हम लिए मशाल

समय को राह दिखाएँगे।

इस कविता में कवि ने एक सुनहरे भविष्य की रचना के लिए संकल्प के बारे में लिखा है। कवि कहता है कि यह देश और यह धरती हमारी है, और हम इस धरती के लाल हैं यानि इस धरती की संतान हैं। हम एक नई दुनिया बसाएँगे और नया इंसान बनाएँगे। यानि अभी जिस दुनिया को हम देखते समझते हैं उसमें हम आमूलचूल सुधार करेंगे और लोगों को बेहतर इंसान बनाएँगे। उस नई दुनिया में सुख ही सुख होगा और इंसान की मेहनत की सही कीमत मिलेगी। नई सोच और नई उम्मीदों की रोशनी लेकर हम समय को एक नया रास्ता दिखाएँगे।

एक करेंगे हम जनता को, सीचेंगे समता ममता को,

नयी पौध के लिए पहन कर जीवन की जयमाल

रोज त्योहार मनाएँग़े।

हम जनता को एकता के सूत्र में बाँध देंगे और उनके बीच के भेदों को मिटा देंगे। हम नई सफलताओं का स्वागत करने के लिए जीवन के जोश से भरकर रोज त्योहार मनाएँगे। जब हर दिन खुशियों से भरा होगा तो यह किसी त्योहार से कम नहीं होगा।

सौ-सौ स्वर्ग उतर आएँगे, सूरज सोना बरसाएँगे

दूध पूत के लिए बदल देंगे तारों की चाल

नया भूगोल बनाएँगे, नया संसार बनाएँगे।

हमारी मेहनत से धरती पर स्वर्ग जैसा माहौल होगा जहाँ सूरज की किरणों से सोने की बारिश होगी। यानि हर तरफ धन धान्य और हर्षोल्लास होगा। आने वाले भविष्य के लिए हो सका तो हम तारों की चाल तक बदल देंगे यानि असंभव लगने वाले कार्य भी कर देंगे। उसके बाद हम बिलकुल ही नई दुनिया बनाएँगे।

कविता से

नीचे लिखी पंक्तियाँ पढ़कर उत्तर दो

(क) “नया संसार बसाएँगे, नया इंसान बनाएँगे।“

तुम्हारे विचार से नया संसार बसाने और नया इंसान बनाने की जरूरत है या नहीं? कारण भी बताओ।

उत्तर: आज दुनिया में हर जगह स्वार्थ और बेईमानी बढ़ गई है। संप्रदाय और जाति के नाम पर लोग एक दूसरे को मरने मारने पर उतारु हो जाते हैं। इसलिए मुझे लगता है कि आज एक नया संसार बनाने की और नया इंसान बनाने की बहुत जरूरत है।

(ख) “रोज त्योहार मनाएँगे।“

तुम्हारे विचार से क्या रोज त्योहार मनाना उचित है? क्यों?

उत्तर: यहाँ पर त्योहार का भावात्मक अर्थ लिया गया है। त्योहार का मतलब है जब हर तरफ खुशहाली हो। आदमी त्योहार तभी मना सकता है जब उसके पास भरपूर खुशियाँ हों। इसलिए इस कविता में रोज त्योहार मनाने की बात सर्वथा उचित है।

(ग) “सौ सौ स्वर्ग उतर आएँगे, सूरज सोना बरसाएँगे।

दूध पूत के लिए बदल देंगे तारों की चाल।“

क्या ऊपर लिखिए बातें संभव हो सकती हैं? कारण भी पता करो?

उत्तर: आज दुनिया के कई विकसित देश हैं जहाँ मानव जीवन खुशहाली के चरम पर है। ऐसे स्थानों पर लोगों ने सचमुच अपनी किस्मत बदल दी है यानि तारों की चाल या ग्रह नक्षत्रों की दशा बदल दी है। आज भारत ने भी आर्थिक क्षेत्र में काफी तरक्की कर ली है। इसलिए इन पंक्तियों में लिखी बातें संभव हो सकती हैं।

(घ) कवि ‘हम धरती के लाल’ ही क्यों कहना चाहते हैं?

उत्तर: यहाँ पर धरती के लाल का मतलब है धरती की संतान। यदि यह धरती ही न होती तो हमारा अस्तित्व भी नहीं होता है। इसलिए कवि ने ‘हम धरती के लाल’ का इस्तेमाल किया है।

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Answered by knowledge2008
1

Answer:

ifzfuamraruahG

Explanation:

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