6. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
वास्तविक लोकगीत देश के गाँवों और देहातों में है। इसका संबंध देहात की जनता से है। बड़ी जान होती है इनमें।
चैता,कजरी,बारहमासा,सावन आदि मिर्जापुर,बनारस और उत्तर प्रदेश के पूरबी और बिहार के पश्चिमी जिलों में गाए जाते हैं।बाऊल और
भतियाली बंगाल के लोकगीत हैं । पंजाब में माहिया आदि इसी प्रकार के गीत हैं। हीर-राँझा,सोहनी-माहिवाल संबंधी गीत पंजाबी में और
ढोला-मारू आदि के गीत राजस्थानी में बड़े चाव से गाए जाते हैं।
इन देहाती गीतों के रचयिता कोरी कल्पना को इतना मान न देकर अपने गीतों के विषय रोज़मर्रा के बहते जीवन से लेते हैं,कहरवा
बिरहा,धोबिया आदि देहात में बहुत गाए जाते हैं और बड़ी भीड़ आकर्षित करते हैं।
क) वास्तविक लोकगीत कहाँ पर है तथा इसका संबंध किससे है?
I
ख) भारत के किन-किन क्षेत्रों में कौन-कौन से लोकगीत गाए जाते हैं?
ग) रचयिता लोकगीतों की विषय -वस्तु कहाँ से लेते थे?
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क) देश के गावो मा मैं और देहातो मैं और इस्का संबंध देहात की जनता से हैं
ख) चैता,कजरी,बारहमासा,सावन आदि मिर्जापुर,बनारस और उत्तर प्रदेश के पूरबी और बिहार के पश्चिमी जिलों में गाए जाते हैं।बाऊल और
भतियाली बंगाल के लोकगीत हैं । पंजाब में माहिया आदि इसी प्रकार के गीत हैं। हीर-राँझा,सोहनी-माहिवाल संबंधी गीत पंजाबी में और
ढोला-मारू आदि के गीत राजस्थानी में बड़े चाव से गाए जाते हैं।
ग) रोज़मर्रा
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