(6) समाज में नशीले पदार्थों के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए किसी प्रसिद्ध समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए ।
(ii) बुरी संगति आपके लिए किस प्रकार घातक सिद्ध हुई थी । इसका अनुभव बताते हुए अपनी छोटी बहन /भाई को पत्र लिखिए ।
Answers
Answer:
पत्र लेखन।
Explanation:
संपादक को समाज में नशीले पदार्थों के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए पत्र:
सेवा में,
आदरणीय संपादक,
न्यू भारत टाईम्स,
लखनऊ।
विषय: बढ़ते नशीले पदार्थों के सेवन के संदर्भ में।
माननीय महोदय,
मैं, रश्मी सिंह, लक्षमीनगर की निवासी हूँ। मैं आपके प्रसिद्ध समाचार पत्र के माध्यम से समाज में बढ़ रहे नशीले पदार्थों के सेवन पर ध्यान आकर्षित करना चाहती हूँ।
आजकल हमारे समाज में अधिकतर लोग नशीले पदार्थों का सेवन कर रहे है। इसके कारण समाज में नकारात्मकता फैलती जा रही है।
नशीले पदार्थ लोगों को उनका आदी बनाते है, जिस कारण समाज में हिंसा, लूट, चोरी, तस्करी, गुंडागर्दी, जैसे अपराध बढ़ते जा रहे है।
नशीले पदार्थ के कारण लोग अपने काम पर अच्छे तरह से ध्यान केंद्रित नही कर पाते, जिस वजह से समाज की प्रगति नही हो पाती। साथ ही उनका स्वास्थ्य भी खराब होता है।
मैं आपसे निवेदन करती हूँ कि आप इस विषय के बारे में आपके समाचार पत्र में एक लेख प्रकाशित करके प्रशासन का ध्यान आकर्षित करें।
धन्यवाद।
भवदीय,
रश्मी सिंह,
लक्षमीनगर,
लखनऊ।
दिनांक: ९ अगस्त, २०२१
Explanation:
छोटे भाई को कुसंगति से बचाने के लिए पत्र | Chhote Bhai Ko Kusangati se bachane ke liye Patra | Letter to Your Brother Advising Him to Avoid Bad Company
परीक्षा भवन
नई दिल्ली
12 मार्च 2000
प्रिय अनुज
शुभाशीष
आशा है तुम कुशल पूर्वक होंगे, यहां भी सभी प्रसन्न और एवं कुशल है. अब तक अपने नए मित्रों व नए वातावरण के बीच तुमने अपने आप को ढाल लिया होगा और अब तो पढ़ाई भी व्यवस्थित ढंग से आरंभ हो हो चुकी होगी.
तुम पहली बार घर और घर के बढ़ो सेे दूर हो. अब तुम्हें अपना हर निर्णय स्वयं लेना है, कब पढ़ना है, किससे पढ़ना है, कहां जाना है, कहां नहीं जाना, किससे मित्रता रखनी है, किससेे केवल परिचय तक ही सीमित रहना है. तुम भी अब तक यह समझ चुके होंगे की मित्रों की जीवन में क्या भूमिका रहती है. यहां रहते हुए भी एक मित्र के सहयोग और प्रेरणा से ही तुम्हें अच्छी विद्यालय में प्रवेश मिला हैं, यह तुम जानते हो.यदि चंचल प्रवृत्ति के, लापरवाह और व्यसनी मित्र मिल जाए तो भविष्य बिगड़ते देर नहीं लगती. तरह-तरह की बुरी आदतें, फिजूलखर्ची, लापरवाही और घरवालों से छिपाव ऐसे ही कुसंग का परिणाम होता है. तुम हम सभी की आशा हो. एक विशेष उद्देश्य और उच्च स्तर की शिक्षा के लिए घर से दूर गए हो पल भर के लिए भी तुम्हारा ध्यान लक्ष्य से ना भटके इसीलिए कुसंगति से बच कर रहना.हम सब की ओर से तुम्हें बहुत सारा स्नेह शुभकामनाएं और आशीर्वाद.
पत्र का उत्तर शीघ्र देना.
तुम्हारा अग्रज
विकास
hope it helps...