6.समाजशास्त्र और मानवशास्त्र जुड़वा
बहनें हैं, किसका कथन है ?
O (A) मैक्स वेबर
O (B) मैलीनोवस्की
O (C) ए. एल. क्रोबर
O (D) रेडक्लिफ ब्राउन
Answers
सही (✓) विकल्प होगा...
✔ (C) ए. एल. क्रोबर
➲ ‘समाजशास्त्र और मानवशास्त्र जुड़वां बहने हैं।’ ये कथन ‘ए. एल. क्रोबर’ का था।
स्पष्टीकरण ⦂
✎... समाजशास्त्र और मानवशास्त्र को जुड़वां बहन कहने की बात ‘ए. एल. क्रोबर’ ने कही थी। ‘ए. एल. क्रोबर’ जिनका पूरा ‘अल्फ्रेड लुई क्रोबर’ था वे अमेरिका के एक प्रसिद्ध मानव विज्ञानी थे।
समाजशास्त्र और मानव शास्त्र को जुड़वा बहन इसलिए माना जाता है, क्योंकि दोनों का एक दूसरे से घनिष्ठ संबंध है। जहां समाजशास्त्र आधुनिक या विकसित समाज का अध्ययन करता है वही मानव शास्त्र जनजातीय एवं कृषक समाज का अध्ययन करता है। समाजशास्त्री अपने शोध प्रणाली में प्रश्नावली एवं साक्षात्कार पद्धति अपनाते हैं जबकि मानव शास्त्री सेवा भी अवलोकन पद्धति अपनाते हैं। समाजशास्त्री सामाजिक घटनाओं का अध्ययन सामाजिक दृष्टिकोण से करता है जबकि मानव शास्त्री मानवीय घटनाओं का अध्ययन सांस्कृतिक दृष्टिकोण से करता है। इसीलिए समाचार एवं मानव शास्त्र दोनों को जुड़वां बहन माना जाता है।
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Answer: (C) ए. एल. क्रोबर
Explanation: (C) ए. एल. क्रोबर
समाजशास्त्र और मानवशास्त्र को जोड़ने वाली शाखा का नाम भौतिक मानवशास्त्र है। मानवशास्त्र वह विज्ञान है जो आदिकालीन मानव की शारीरिक, सामाजिक, सांस्कृति और उद्विकासीय सम्बन्धी विशेषताओं का अध्ययन करता है। समाजशास्त्र और मानवशास्त्र एक दूसरे से इतने घनिष्ट रूप से संबंध है कि क्रोबर ने तो इन दोनों शास्त्रों को जुड़वा बहन तक कह दिया है। बोआस का कथन है कि समाजशास्त्र का प्रमुख कार्य सामाजिक गतिशीलता और सामाजिक क्रम के सिद्धांतों को स्पष्ट करना है ये सिद्धांत मानव शास्त्री होने के साथ ही समाज शास्त्री भी है। इस आधार पर हाबेल ने तो यहां तक कह दिया है कि विस्तृत अर्थों में समाजशास्त्र और मानवशास्त्र बिलकुल एक समान है। समाजशास्त्र का अन्य सामाजिक विज्ञानों से संबंध मानवशास्त्र और समाजशास्त्र का संबंध और भी अधिक स्पष्ट करने के लिए मानवशास्त्र के तीन प्रमुख भागों से समाजशास्त्र का संबंध दिखाया जा सकता है
मानवशास्त्र का प्रथम भाग भौतिक मानवशास्त्र है जो मानव के शारीरिक लक्षणों का अध्ययन करता है यह शास्त्र आदि मानव के शारीरिक लक्षणों का अध्ययन करता है। यह शास्त्र आदि मानव की उत्पत्ति एवं शारीरिक विशेषताओं का गूढ अध्ययन करता है। समाजशास्त्र इन सभी अध्ययनों का लाभ उठाता है। मानवशास्त्र का द्वितीय मुख्य भाग है प्रागैतिहासिक मानवशास्त्र जो कि प्रागैतिहासिक युग की संस्कृतियों, सभ्यताओं व कलाओं का अध्ययन करता है। समाजशास्त्र प्राचीन सभ्यता संस्कृति आदि का अध्ययन करके उसके आधार पर वर्तमान सामाजिक ढांचे का विश्लेषण करता है।
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