6. दूसरा शरीर जो हमें मृत्यु के पश्चात मिलेगा, किस बात पर निर्भर करता है ?(गीता 8.6) ।
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उपनिषद के अनुसार मृत्यु के बाद दूसरा शरीर प्राप्त होने में इतना ही समय लगता है जितना कि एक कीड़ा एक तिनके से दूसरे तिनके पर जाता है अर्थात दूसरा शरीर प्राप्त होने में कुछ ही क्षण लगते हैं, कुछ ही क्षणों में आत्मा दूसरे शरीर में प्रवेश कर जाती है। हालांकि यह व्यक्ति के चित्त की दशा पर निर्भर करता है।
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