(6) उचित विराम चिन्हों का प्रयोग करते हुए सही
वाक्य को पहचानिए-
सुनो किसने दस्तक दी। उससे नाम और काम
पूछो।
सुनो किसने दस्तक दी? उससे नाम और काम
O
पूछो?
सुनो, किसने दस्तक दी? उससे नाम और काम
O
पूछो।
O
सुनो! किसने दस्तक दी? उसी से नाम और काम
पूछो?
Answers
विराम–चिह्न
विराम शब्द का अर्थ है ठहराव या रुक जाना। एक व्यक्ति अपनी बात कहने के लिए, उसे समझाने के लिए, किसी कथन पर बल देने के लिए, आश्चर्य आदि भावोँ की अभिव्यक्ति के लिए कहीँ कम, कहीँ अधिक समय के लिए ठहरता है। भाषा के लिखित रूप मेँ उक्त ठहरने के स्थान पर जो निश्चित संकेत चिह्न लगाये जाते हैँ, उन्हेँ विराम–चिह्न कहते हैँ।
वाक्य मेँ विराम–चिह्नोँ के प्रयोग से भाषा मेँ स्पष्टता और सुन्दरता आती है तथा भाव समझने मेँ सुविधा होती है। यदि विराम–चिह्नोँ का यथा स्थान उचित प्रयोग न किया जाये तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है। जैसे–
• रोको, मत जाने दो।
• रोको मत, जाने दो।
इस प्रकार विराम–चिह्नोँ से अर्थ एवं भाव मेँ परिवर्तन होता है। लिखित भाषा की तरह कथित भाषा मेँ भी विराम–चिह्न महत्त्वपूर्ण होते हैँ।
♦ महत्त्वपूर्ण विराम–चिह्न–
1. अल्प विराम — ( , )
2. अर्द्ध विराम — ( ; )
3. पूर्ण विराम — ( । )
4. प्रश्नवाचक चिह्न — ( ? )
5. विस्मयसूचक चिह्न — ( ! )
6. अवतरण या उद्धरण चिह्न :
(i) इकहरा — ( ‘ ’ )
(ii) दुहरा — ( “ ” )
7. योजक चिह्न — ( - )
8. कोष्ठक चिह्न — ( ) { } [ ]
9. विवरण चिह्न — ( :– )
10. लोप चिह्न — ( ...... )
11. विस्मरण चिह्न — ( ^ )
12. संक्षेप चिह्न — ( . )
13. निर्देश चिह्न — ( – )
14. तुल्यतासूचक चिह्न — ( = )
15. संकेत चिह्न — ( * )
16. समाप्ति सूचक चिह्न — ( – : –)
♦ विराम–चिह्नोँ का प्रयोग–
1. अल्प विराम ( , ) :
अल्प विराम का अर्थ है, थोड़ी देर रुकना ठहरना। अंग्रेजी मेँ इसे ‘कोमा’ कहते हैँ। इसके प्रयोग की निम्न स्थितियाँ हैँ–
(1) वाक्य मेँ जब दो या दो से अधिक समान पदोँ पदांशोँ अथवा वाक्योँ मेँ संयोजक अव्यय ‘और’ की संभावना हो, वहाँ अल्प विराम का प्रयोग होता है। जैसे–
• पदोँ मेँ—अर्जुन, भीम, सहदेव और कृष्ण ने भवन मेँ प्रवेश किया।
• वाक्योँ मेँ—राम रोज स्कूल जाता है, पढ़ता है और वापस घर चला जाता है।
• उठकर, स्नानकर और खाना खाकर मोहन शहर गया।
यहाँ अल्प विराम द्वारा पार्थक्य को दर्शाया गया है।
(2) जहाँ शब्दोँ की पुनरावृत्ति की जाए और भावातिरेक के कारण उन पर अधिक बल दिया जाए। जैसे–
• वह दूर से, बहुत दूर से आ रहा है।
• सुनो, सुनो, वह गा रही है।
(3) समानाधिकरण शब्दोँ के बीच मेँ। जैसे–
• विदेहराज की पुत्री वैदेही, राम की पत्नी थी।
(4) जब कई शब्द जोड़े से आते हैँ, तब प्रत्येक जोड़े के बाद अल्प विराम लगता है। जैसे–
• संसार मेँ सुख और दुःख, रोना और हँसना, आना और जाना लगा ही रहता है।
(5) क्रिया विशेषण वाक्यांशोँ के साथ, जैसे–
• उसने गंभीर चिंतन के बाद, यह काम किया।
• यह बात, यदि सच पूछो तो, मैँ भूल ही गया था।
(6) ‘हाँ’, ‘अस्तु’ के बाद, जैसे–
• हाँ, आप जा सकते हैँ।
(7) ‘कि’ के अभाव मेँ, जैसे–
• मैँ जानता हूँ , कल तुम यहाँ नहीँ थे।
(8) संज्ञा वाक्य के अलावा, मिश्र वाक्य के शेष बड़े उपवाक्योँ के बीच मेँ। जैसे–
• यह वही पुस्तक है, जिसकी मुझे आवश्यकता है।
• क्रोध चाहे जैसा भी हो, मनुष्य को दुर्बल बनाता है।
(9) वाक्य के भीतर एक ही प्रकार के शब्दोँ को अलग करने मेँ। जैसे–
• राम ने आम, अमरूद, केले आदि खरीदे।
(10) उद्धरण चिह्नोँ के पहले, जैसे–
• उसने कहा, “मैँ तुम्हेँ नहीँ जानता।”
(11) समय सूचक शब्दोँ को अलग करने मेँ। जैसे–
• कल गुरुवार, दिनांक 20 मार्च से परीक्षाएँ प्रारम्भ होँगी।
(12) कभी–कभी सम्बोधन के बाद भी अल्प विराम का प्रयोग किया जाता है। जैसे–
• सीता, तुम आज भी स्कूल नहीँ गईँ।
(13) पत्र मेँ अभिवादन, समापन के साथ। जैसे–
• पूज्य पिताजी,
• भवदीय,।
I hope you are understand My solution
Explanation:
बाग में रंग बिरंगे फूल खिले हैं