6) वृक्षारोपण के महत्व पर 10 वाक्य लिखिए ?
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प्रस्तावना:- हमारे देश भारत की संस्कृति एवं सभ्यता वनों में ही पल्लवित तथा विकसित हुई है यह एक तरह से मानव का जीवन सहचर है वृक्षारोपण से प्रकृति का संतुलन बना रहता है वृक्ष अगर ना हो तो सरोवर (नदियां ) में ना ही जल से भरी रहेंगी और ना ही सरिता ही कल कल ध्वनि से प्रभावित होंगी वृक्षों की जड़ों से वर्षा ऋतु का जल धरती के अंक में पोहचता है, यही जल स्त्रोतों में गमन करके हमें अपर जल राशि प्रदान करता है वृक्षारोपण मानव समाज का सांस्कृतिक दायित्व भी है, क्योंकि वृक्षारोपण हमारे जीवन को सुखी संतुलित बनाए रखता है। वृक्षारोपण हमारे जीवन में राहत और सुखचैन प्रदान करता है।
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- हमारे भारत देश में जहां वृक्षारोपण का कार्य होता है वही इन्हें पूजा भी जाता है।
- कई ऐसे वृक्ष है, जिन्हें हमारे हिंदू धर्म में ईश्वर का निवास स्थान माना जाता है, जैसे नीमका पेड़, पीपल का पेड़, आंवला, बरगद आदी को शास्त्रों के अनुसार पूजनीय कहलाते है।
- जिन वृक्ष की हम पूजा करते है वो औषधीय गुणों का भंडार भी होते हैं, जो हमारी सेहत को बरकरार रखने में मददगार सिद्ध होते है।
- आदिकाल में वृक्ष से ही मनुष्य की भोजन की पूर्ति होती थी, वृक्ष के आसपास रहने से जीवन में मानसिक संतुलन ओर संतुष्टि मिलती है गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं।
- वनों से हमे भवन निर्माण की सामग्री मिलती है औषधीय, जड़ी बूटियां, गोंद, घास, तथा जानवरों का चारा भी वनों से ही प्राप्त होता है।
- वन तापमान को सामान्य बनाने में सहायक एवं भूमि को बंजर होने से रोकता है वनों से लकड़ी, कागज, फर्नीचर, दवाईया, सभी के लिए हम वनों पर ही निर्भर है।
- वन हमे दूषित वायु को ग्रहण करके शुद्ध एवं जीवन दायक वायु प्रदान करता है, जितनी वायु और जल जरूरी है उतना ही आवश्यक वृक्ष होते हैं इसलिए वनों के साथ ही वृक्षारोपण सभी जगह करना जरूरी है और कई तरह के लाभ देने वाले वनों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य।
- आज मानव अपनी भौतिक प्रगति की तरफ आतूर है वह अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए बेधड़क वृक्षों की कटाई कर रहा है ओधोगिक प्रतिस्पर्धा और जनसंख्या के चलते बनो का क्षेत्रफल प्रतिदिन घटता जा रहा है।
- एक अनुमान के अनुसार एक करोड़ हेक्टेयर इलाके के वन काटे जाते हैं, अकेले भारत में ही 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फैले बनो को काटा जा रहा है |
- वृक्ष के कटने से पक्षियों का चहचहाना भी कम होता जा रहा है, पक्षी प्राकृतिक संतुलन स्थिर रखने में प्रमुख कारक है, परंतु वृक्षों की कटाई से तो वो भी अब कम ही दिखने लगे हैं |
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